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Gold Latest News Update( Photo Credit : NewsNation)
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Gold Latest News Update( Photo Credit : NewsNation)
Gold Latest News Update: कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में सोने में निवेश काफी तेजी से बढ़ा है. भारत में सालभर में कई ऐसे मौके आते हैं जब सोने में निवेश को शुभ माना जाता है, लेकिन आपने क्या सोना खरीदने या बेचने से पहले कभी यह सोचा है कि उसके ऊपर कितना टैक्स लगता है. आपको बता दें कि सोने की खरीदारी और बिकवाली दोनों पर ही टैक्स चुकाना पड़ता है. निवेशक के पास सोना कितने समय से है, उसके मुताबिक ही शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स लगाया जाता है.
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गोल्ड ज्वैलरी की खरीदारी पर लगता है इतना टैक्स
जानकारों का कहना है कि सोने की ज्वैलरी की कीमत और मेकिंग चार्ज पर 3 फीसदी का GST लगता है. ज्वैलरी की खरीदारी के लिए आप किसी भी तरीके से भुगतान करें आपको 3 फीसदी जीएसटी चुकाना ही पड़ेगा. बता दें कि डिजिटल ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी होने की वजह से लोगों ने कैश में सोने की खरीदारी कम कर दी है. डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए भी सोने की खरीदारी की जा सकती है.
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स
आपको लगता होगा कि सोने की खरीदारी पर ही टैक्स देना पड़ता है जबकि ऐसा नहीं है. आप अगर सोने को बेचने जा रहे हैं तो उस पर भी टैक्स चुकाना पड़ेगा. जानकारों का कहना है कि खरीदारी करने के बाद सोने को 36 महीने के भीतर अगर बेच दिया जाता है तो इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है. STCG के नियम के मुताबिक ज्वैलरी की बिक्री पर होने वाला कैपिटल गेन आपकी कुल कमाई में जुड़ जाता है. अब व्यक्ति इनकम टैक्स के जिस स्लैब में आता है, उसके हिसाब से उसे टैक्स चुकाना पड़ता है.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन
आपको बता दें कि 36 महीने के बाद सोने की बिक्री करने पर 20 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है और इसके ऊपर सरचार्ज और एजुकेशन सेस लगता है. बजट में LTCG पर सेस को 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया गया था. LTCG पर सेस में बढ़ोतरी होने के बाद टैक्स 20.80 फीसदी हो गया है जिसमें सेस शामिल है. बता दें कि फाइनेंशियल ईयर 2017-18 में तीन साल बाद सोने की बिक्री पर 20.60 फीसदी टैक्स लगता था. निवेशकों को तीन साल के बाद सोने की बिक्री करने पर इंडेक्सेशन का बेनिफिट भी मिलता है.
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वहीं मान लीजिए आपको सोने की बिक्री करने पर कैपिटल गेन की जगह कैपिटल लॉस हो गया. मतलब यह कि आपने जितने में सोना खरीदा था उसे कम कीमत में बेच रहे हैं तो आपको टैक्स में छूट का लाभ मिलेगा. एक वित्त वर्ष में गिफ्ट के रूप में मिले 50 हजार रुपये मूल्य का सोना पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है. वहीं अगर इसकी कीमत 50 हजार रुपये से ज्यादा है उस पर टैक्स की देनदारी बनती है.
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