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आज हड़ताल पर हैं देशभर के ज्वैलर्स, ये है वजह

Gold Hallmarking Latest News: 16 जून 2021 से देशभर में चरणबद्ध तरीके से हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने हॉलमार्किंग का लागू करने के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 256 जिलों की पहचान की है.

Updated on: 23 Aug 2021, 09:35 AM

highlights

  • 16 जून 2021 से चरणबद्ध तरीके से हॉलमार्किंग को अनिवार्य किया गया
  • HUID का सोने की शुद्धता से किसी भी प्रकार से कोई लेना देना नहीं है

नई दिल्ली :

Gold Hallmarking Latest News: अनिवार्य हॉलमार्किंग (Mandatory Hallmarking) को लेकर देशभर के ज्वैलर्स आज यानी 23 अगस्त 2021 को सांकेतिक हड़ताल पर हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आभूषण विक्रेता सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के मनमाने ढंग से कार्यान्वयन के खिलाफ हड़ताल करेंगे. अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (GJC) ने सांकेतिक हड़ताल को लेकर यह जानकारी दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सांकेतिक हड़ताल को देशभर के रत्न एवं आभूषण के 350 संघ और महासंघ समर्थन कर रहे हैं. बता दें कि 16 जून 2021 से देशभर में चरणबद्ध तरीके से हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने हॉलमार्किंग का लागू करने के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 256 जिलों की पहचान की है.

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HUID का सोने की शुद्धता से किसी भी प्रकार से कोई लेना देना नहीं: अशोक मीनावाला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जीजेसी के पूर्व अध्यक्ष अशोक मीनावाला का कहना है कि एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल HUID (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान संख्या-Hallmarking Unique ID) के मनमाने ढंग से कार्यान्वयन के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि यह कानून अव्यावहारिक और असंभव है. दानाभाई ज्वैलर्स ग्रुप के निदेशक अशोक मीनावाला सरकार के द्वारा नियुक्त की गई समितियों में ज्वैलर्स की ओर से प्रतिनिधि हैं. उनका कहना है कि HUID का सोने की शुद्धता से किसी भी प्रकार से कोई लेना देना नहीं है और इसे ज्वैलर्स स्वीकार नहीं कर सकते. 

उन्होंने कहा कि BIS को लगता है कि नए HUID से सोने की शुद्धता में सुधार होगा लेकिन ज्वैलर्स को लग रहा है कि सिर्फ एक ट्रैकिंग तंत्र है. वहीं जीजेसी के निदेशक दिनेश जैन ने नई HUID प्रणाली को ज्यादा से ज्यादा समय खपाने वाला करार दिया है. उन्होंने कहा कि हॉलमार्किंग सेंटर्स की मौजूदा गति और क्षमता तकरीबन 2 लाख इकाई रोजाना है और मौजूदा रफ्तार से इस साल के उत्पादन को हॉलमार्क करने में करीब 3 से 4 साल लग जाएंगे. उनका कहना है कि नई HUID प्रणाली से प्रोडक्ट को हॉलमार्क करने में करीब 5 से 10 दिन का समय लग रहा है.