अगले वित्तवर्ष की पहली तिमाही में रत्न-आभूषण (Gems-Jewellery) निर्यात में भारी गिरावट का अनुमान

फरवरी 2020 में कुल रत्न एवं आभूषण (Gems and Jewellery) उद्योग के लिए तराशे गये और पॉलिश किए गए हीरों के निर्यात में 41 प्रतिशत की गिरावट आई इससे सालाना निर्यात कुल मिला कर 19 प्रतिशत नीचे आ गया.

फरवरी 2020 में कुल रत्न एवं आभूषण (Gems and Jewellery) उद्योग के लिए तराशे गये और पॉलिश किए गए हीरों के निर्यात में 41 प्रतिशत की गिरावट आई इससे सालाना निर्यात कुल मिला कर 19 प्रतिशत नीचे आ गया.

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Dhirendra Kumar
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Gems and Jewellery

रत्न और आभूषण (Gems and Jewellery)( Photo Credit : फाइल फोटो)

रत्न और आभूषण (Gems and Jewellery) निर्यात मार्च में और इसके साथ-साथ अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारी गिरावट आने का अनुमान है. इसकी वजह कोरोनावायरस (Coronavirus) के प्रकोप के कारण उत्पन्न होने वाले व्यवधान होंगे. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. सर्राफा उद्योग (Bullion Industry) मोटे तौर पर व्यापार-उन्मुख है. इसके लिए विभिन्न व्यापार मेलों का आयोजन किया जाता है. इन मेंलों में करीब 5,000 से अधिक इकाइयां और एक लाख खरीदार आते हैं. इस क्षेत्र के निर्यात में 2019-20 के 11 महीनों में निर्यातों में लगातार गिरा है. इसमें फरवरी 2020 का काफी निराशाजनक रहा. केआरई रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.

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हीरों के निर्यात में 41 फीसदी की गिरावट

फरवरी 2020 में कुल रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए तराशे गये और पॉलिश किए गए हीरों के निर्यात में 41 प्रतिशत की गिरावट आई इससे सालाना निर्यात कुल मिला कर 19 प्रतिशत नीचे आ गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि रत्न और आभूषण उद्योग को प्रमुख वस्तुओं पर उच्च सीमाशुल्क, निर्यात में निरंतर गिरावट और बैंक ऋण की उपलब्धता पर प्रतिबंधों के रूप में तमाम बाधाओं का सामना करना पड़ा. इसके अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप, चीन, हांगकांग तथा अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों जैसे शीर्ष खपत वाले बाजारों में कोविद -19 के हालिया प्रकोप ने स्थिति को बउ से बदतर बना दिया है.

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रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 'अक्षय तृतीया' के आगामी उत्सव में ज्यादा खुशगवार संकेत नहीं मिल सकते हैं, क्योंकि आभूषणों की मांग कम रहने की उम्मीद है. रत्न और आभूषण उद्योग के लिए अल्पकालिक परिदृश्य नकारात्मक बना हुआ है, जबकि दीर्घकालिक संभावनाएं सकारात्मक बनी हुई हैं, जिसका कारण ब्रांडेड आभूषणों को लेकर लोगों बढ़ती जागरुकता, टीयर-टू और टीयर-थ्री शहरों में क्रय शक्ति का बढ़ना है, कामकाजी महिलाओं की आबादी बढ़ना और हीरे के आभूषणों के लिए प्राथमिकता बढ़ना है.

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