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ज्वैलरी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए अगले हफ्ते होने जा रही है एक बड़ी बैठक, पढ़ें पूरी खबर

जीजेईपीसी ने एक बयान में कहा कि इंडिया ग्लोबल कनेक्ट सम्मेलन रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के बीच अवसरों का पता लगाने, व्यापार की जरूरतों को समझने और उसे आगे बढ़ाने में मदद के लिए एक मंच प्रदान करेगा.

Updated on: 26 Sep 2020, 08:54 AM

मुंबई:

रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (Gems and Jewellery Export Promotion Council-GJEPC) ने कहा है कि वह अगले सप्ताह, भारतीय निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं और ब्रिटेन के खरीदारों के बीच एक विशेष आभासी व्यावसायिक बैठक, इंडिया ग्लोबल कनेक्ट का आयोजन करेगी ताकि यूरोपीय देशों के साथ निर्यात को बढ़ाया जा सके. जीजेईपीसी ने एक बयान में कहा कि ‘इंडिया ग्लोबल कनेक्ट’ सम्मेलन रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के बीच अवसरों का पता लगाने, व्यापार की जरूरतों को समझने और उसे आगे बढ़ाने में मदद के लिए एक मंच प्रदान करेगा.

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निर्माताओं, निर्यातकों और आयातकों को होगा फायदा
जीजेईपीसी अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा कि महामारी ने हमें वैश्विक व्यापार बिरादरी तक पहुंचने के लिए नए तरीकों की तलाश करने के लिए मजबूर किया है और भारत ग्लोबल कनेक्ट एक ऐसा ही प्रयास है जहां निर्माताओं, निर्यातकों और आयातकों को अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बाजार अंतर्दृष्टि प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि भारत के 35 अरब डॉलर के रत्न और आभूषण निर्यात उद्योग (Gems and Jewellery Exports Industry) के पास हर प्रमुख विश्व बाजार में ग्राहक-विशिष्ट उत्पादों को पहुंचाने की क्षमता है.

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नए अवसरों को सामने लाएगा इंडिया ग्लोबल कनेक्ट आभासी मंच
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इंडिया ग्लोबल कनेक्ट आभासी मंच नए अवसरों को सामने लायेगा और दोनों व्यापार भागीदारों के बीच ज्ञान साझेदारी को और गहन बनायेगा. परिषद का प्रमुख शो ‘इंडिया इंटरनेशनल ज्वैलरी शो (आईआईजेएस) 12-16 अक्टूबर तक एक आभासी प्रारूप में आयोजित किया जाएगा. भारत तराशे और पॉलिश किए गए हीरों के कारोबार में विश्व का अग्रणी देश है, जहां वैश्विक स्तर पर 15 में से 14 हीरे के आभूषण, भारत में तराशे गये होते हैं. भारत आभूषणों के सबसे बड़े निर्यातक देशों में से एक है.