World Bank: भारत की GDP का अनुमान घटाकर 6.3%, विश्व बैंक की रिपोर्ट में खुलासा
विश्व बैंक ने नए वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी का अनुमान घटाकर 6.3% कर दिया है, जबकि पहले कि पहले देश की जीडीपी 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान था.
highlights
- देश की जीडीपी 6.6 से घटकर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान
- यूरोप-अमेरिका में मंदी का असर भारत पर भी पड़ने की आशंका
- भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था
नई दिल्ली:
विश्व बैंक ने नए वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी का अनुमान घटाकर 6.3% कर दिया है, जबकि पहले कि पहले देश की जीडीपी 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान था. विश्व बैंक ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2023-2024 में खपत में सुस्ती की वजह से भारत की जीडीपी कम होकर 6.3 प्रतिशत का अनुमान है. बता दें कि अक्टूबर 2022 में विश्व बैंक ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद के विकास के अनुमान को 7.5% से घटाकर 6.5% कर दिया था. इसी प्रकार इस वित्तीय वर्ष भी वर्ल्ड बैंक ने रिपोर्ट जारी कर भारत की सकल घरेलू उत्पाद . 3 कम रहने का अनुमान जताया है. विश्व बैंक ने खपत में सुस्त वृद्धि और चुनौतीपूर्ण बाहरी परिस्थितियों के कारण विकास दर के बाधित होने की भी आशंका जताई है.
विश्व बैंक की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि महंगा कर्ज और स्लो इनकम की वजह से निजी उपभोग की बढ़ोतरी पर असर पड़ेगा. साथ ही कोरोना महामारी से जुड़ी राजकोषीय उपायों को लाने के कारण सरकारी खपत में भी धीमी वृद्धि का अनुमान है. रिपोर्ट में चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 24 में कम होकर 2.1 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है, जो बीते वित्त वर्ष में .3 प्रतिशत थी.
रिपोर्ट में दावा
विश्व बैंक ने इंडिया डेवेलेपमेंट अपडेट रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत का विकास लचीला रहेगा, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था महामारी के बाद भी सुधार के रास्ते पर है, लेकिन वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं. इस सबके इतर भारत तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्थाओं में जगह बनाए हुए हैं.
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महंगाई से मिलेगी राहत
वहीं, विश्व बैंक की रिपोर्ट में महंगाई को 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत थी, लेकिन इस वित्त वर्ष महंगाई कम होगी. बैंक ने रिपोर्ट में 5.2 फीसदी रिपोर्ट होने की संभावना जताई गई है.
इस वजह से कम होने का अनुमान
दरअसल, मौजूदा दौर में भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. हालांकि, वैश्विक मंदी का असर भारत पर भी पड़ सकता है. अनुमान जताया जा रहा है कि यूरोप और अमेरिका के वित्तीय क्षेत्र में आए भूचाल से भारत भी अछूता नहीं रहेगा. इसीलिए विश्व बैंक ने जीड़ीपी कम होने का अनुमान जताया है.
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