देश की दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो ने 600 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जानकारी के मुताबिक विप्रो ने कर्मचारियों के खराब प्रदर्शन के आधार पर यह फैसला लिया है।
खबरों के मुताबिक कंपनी कुल 2000 कर्मचारियों को निकाल सकती है।
कपंनी की ओर से कहा गया कि इस बार प्रदर्शन के आधार पर अप्रेजल की प्रक्रिया कठिन थी। साल दर साल यह संख्या घट और बढ़ भी सकती है। विप्रो ने कहा, 'उसके प्रदर्शन आंकने की प्रक्रिया में मेंटरिंग, री-ट्रेनिंग जैसे पहलू शामिल हैं। कंपनी की चौथे क्वॉर्टर की रिपोर्ट और पूरे साल के आंकड़े 25 अप्रैल को आएंगे।'
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जानकारी के मुताबिक बेंगलुरू स्थित इस कंपनी में पिछले साल दिसंबर तक 1.79 लाख कर्मचारी थे। वहीं आईटी सेक्टर में बिना कोई खास जानकारी दिये बिना निकाल देना नई बात नहीं मानी जाती है। विप्रो से पहले ग्लोबल आईटी कंपनी काग्निजेंट से भी बड़ी संख्या में छंटनी की खबर सामने आईं थी।
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माना जा रहा है कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों के वर्कर वीजा के नियमों के बदलाव के कारण क्लाइंट की साइट पर टेक्नॉलजी और आर्टीफिशियल संसाधनों के बढ़ने पर लोगों को भेजने की जरूरत भी काफी कम हुई है, जिसकी वजह से कंपनियां कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रही हैं।
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HIGHLIGHTS
- देश की दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो ने 600 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है
- जानकारी के मुताबिक विप्रो ने कर्मचारियों के खराब प्रदर्शन के आधार पर यह फैसला लिया है
Source : News Nation Bureau