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सस्ता हुआ सोना और चांदी Photograph: (Social Media)
सोने (gold) को सुरक्षित निवेश माना जाता रहा है. भारत में हजारों वर्षों से सोने (gold) का धार्मिक और सामाजिक महत्व भी रहा है. चाहे सोने की अंगूठी में राशि से संबंधित नगों को जड़कर पहनने का चलन हो या शादी-विवाह में अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने के गहने बनवाने का प्रचलन, आज भी देश के अधिकांश घरों में सामर्थ्य के अनुसार सोना जरूर खरीदा जाता है. सोने के गहनों की कीमत में मेकिंग चार्ज और जीएसटी भी जुड़ा होता है, इस वजह से सोने के गहने डिजिटल गोल्ड के मुकाबले ज्यादा महंगे होते हैं. निवेशक अकसर दुविधा में रहते हैं कि फिजिकल गोल्ड खरीदें या डिजिटल गोल्ड.
सोना है सुरक्षित निवेश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वर्ष 2025 में सोने की कीमतों में लगभग 52 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आर्थिक मंदी की आशंका और अस्थिर राजनीतिक परिस्थितियों में निवेशक सोने को ही सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं. मौजूदा हालात में निवेशकों के सामने यक्ष प्रश्न यह है कि वे फिजिकल गोल्ड खरीदें या डिजिटल. दोनों के ही अपने फायदे और नुकसान हैं.
डिजिटल सोना खरीदने के फायदे
डिजिटल गोल्ड को खरीदने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आप बेहद कम मात्रा में भी सोना खरीद सकते हैं. डिजिटल गोल्ड पूरी तरह से लिक्विड होता है और इसे ऑनलाइन भी खरीद या बेच सकते हैं. डिजिटल गोल्ड को रखना फिजिकल गोल्ड के मुकाबले बेहद आसान और सुरक्षित होता है. न तिजोरी की जरूरत औऱ न बैंक लॉकर का झंझट. साथ ही, डिजिटल गोल्ड पर सोने के आभूषणों की तरह मेकिंग चार्ज भी नहीं लगता.
डिजिटल सोना खरीदने के नुकसान
डिजिटल सोना खरीदने का सबसे बड़ा नुकसान तो यही है कि आप उसे छू नहीं सकते, उसके गहने नहीं बनवा सकते. डिजिटल सोना खरीदना केवल एक इन्वेस्टमेंट होता है. यदि आप डिजिटल सोने को फिजिकल सोने में बदलवाते हैं, तो इस पर कुछ चार्ज लग सकता है.
फिजिकल गोल्ड खरीदने के फायदे
फिजिकल गोल्ड को आप छू सकते हैं, एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकते हैं, रिश्तेदारों और मित्रों को दिखा सकते हैं, और त्योहारों और विवाह आदि कार्यक्रमों में उससे बने गहने पहन सकते हैं. जरूरत पड़ने पर फिजिकल गोल्ड को गिरवी रखकर धन भी उधार लिया जा सकता है.
फिजिकल गोल्ड खरीदने के नुकसान
फिजिकल गोल्ड का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर उससे आपने गहने बनवा लिए हैं, तो उन पर मेकिंग चार्ज लग जाता है. जब आप गहनों को बेचने का फैसला करते हैं, तो मेकिंग चार्ज आपको वापस नहीं मिलता. फिजिकल गोल्ड को अपने पास रखने में रिस्क रहता है. बैंक लॉकर में उन्हें सुरक्षित रखने पर आपको बैंक को फीस चुकानी होती है. फिजिकल गोल्ड की शुद्धता को चेक करना पड़ता है.
फिजिकल गोल्ड में निवेश करें या डिजिटल गोल्ड में?
निवेश का फैसला करते समय आपको सबसे पहले निवेश की राशि को ध्यान में रखना होगा. अगर आप बड़ी धनराशि का निवेश करना चाहते हैं, तो फिजिकल गोल्ड खरीद सकते हैं. यदि आपका निवेश कम धनराशि का है, तो आपको डिजिटल गोल्ड की तरफ जाना होगा. डिजिटल गोल्ड में आप 50 रुपए महीने का सिप भी लगा सकते हैं. सुरक्षा भी एक अहम फैक्टर है. डिजिटल गोल्ड अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित रहता है. यदि आपको गोल्ड से गहने आदि बनवाने हैं, तो फिर आपको फिजिकल गोल्ड में निवेश करना होगा. सॉवरेन गोल्ड भी सोने में निवेश का एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इसमें निवेश करने से निवेशक को सोने की कीमत में बढ़ोतरी होने पर लाभ होता है, इसके साथ ही प्रतिवर्ष इस पर ब्याज भी मिलता है. तो इन बातों को ध्यान में रखकर ही अपनी जरूरत के हिसाब से सोने में निवेश करें.