logo-image

विश्व बैंक की मदद से इंटरनेशनल इनीशिएटिव फॉर इंपैक्ट इवैल्यूएशन

विश्व बैंक की मदद से इंटरनेशनल इनीशिएटिव फॉर इंपैक्ट इवैल्यूएशन

Updated on: 01 Aug 2021, 08:40 PM

नई दिल्ली:

मौजूदा वर्ष में 30 जून की स्थिति के तक विभिन्न स्व सहायता समूह यानी एसएचजी की बकाया ऋण राशि एक 112328.80 करोड़ रुपए है। वही 30 जून की अवधि तक के अनुसार बैंकों को स्व सहायता समूह द्वारा ऋण अदायगी दर 97.17 फीसदी है। यह जानकारी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने दी।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि बैंकों द्वारा स्व सहायता समूह के नाम पर ऋण स्वीकृत किए जाते हैं। प्रत्येक एसएचजी सदस्यों को ऋण का वितरण एसएचजी द्वारा किया जाता है। जिसका उपयोग उनके द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के लिए किया जाता है।

दिनांक 30 जून 2021 की स्थिति के अनुसार दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के बैंक लोन लिंकेज पोर्टल पर उपलब्ध डाटा के अनुसार एसएचजी के पास बकाया ऋण का राज्यवार ब्योरा उपलब्ध है।

मंत्रालय द्वारा दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के समग्र प्रभाव को समझने के लिए अनेक प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन कराए गए हैं। विश्व बैंक की सहायता से इंटरनेशनल इनीशिएटिव फॉर इंपैक्ट इवैल्यूएशन द्वारा 2019-20 के दौरान एक प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन किया गया था। मूल्यांकन कुल 9 राज्यों बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लगभग 27,000 प्रक्रिया देने वालों और 5000 एसएचजी के साथ किया गया। यह मूल्यांकन दशार्ता है कि मिशन के साथ 2.5 वर्षों के अतिरिक्त समय के लिए जोड़ने से कई परिणाम प्राप्त हुए हैं।

इस प्रकार का ऋण ग्रामीण विकास एवं सामाजिक विकास कार्यों के साथ-साथ ग्रामीण विकास से जुड़ी विभिन्न अवधारणाओं के लिए दिया जाता है। केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों में ग्रामीण विकास एवं गांव में रहने वाले लोगों की मदद के लिए इस प्रकार की हितकारी योजनाएं चला रही है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.