केंद्र सरकार द्वारा विशाखापत्तनम स्टील प्लांट (वीएसपी) की बिक्री योजना को सही ठहराते हुए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर करने के एक दिन बाद गुरुवार को कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया।
विरोध प्रदर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में इस्पात प्लांट के कर्मचारी प्रशासनिक भवन पहुंचे, जिससे कुछ तनावपूर्ण स्थिति बनी रही।
उनमें से कुछ ने उस समय स्टील प्लांट में अपनी ड्यूटी पर जाने वाले श्रमिकों को रोकने की भी कोशिश की।
उच्च न्यायालय में दायर हलफनामे में केंद्र सरकार ने दावा किया कि आत्मानिर्भर भारत के तहत नई सार्वजनिक क्षेत्र की उद्यम नीति में लौह और इस्पात क्षेत्र को रणनीतिक के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है।
केंद्र ने जोर देकर कहा कि कर्मचारियों के अधिकार मौलिक नहीं हैं और कहा कि नीति ने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को बेचने की अनुमति दी जो गैर-रणनीतिक हैं।
आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने जनवरी में यह फैसला लिया था।
केंद्र सरकार की स्टील प्लांट बिक्री योजना के खिलाफ महीनों से स्टील प्लांट वर्कर्स यूनियन, कर्मचारी और उनके परिजन विरोध कर रहे हैं।
केंद्र की योजनाओं के विरोध में सैकड़ों कर्मचारियों ने रैलियां निकालीं और नारेबाजी की।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने इस्पात प्लांट को बेचने के अलावा अन्य वैकल्पिक योजनाओं पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुछ पत्र लिखे।
हालांकि हलफनामे से साफ है कि केंद्र सरकार की योजनाओं में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
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Source : IANS