शराब कारोबारी विजय माल्या ने 9,000 करोड़ रुपये को चुकाए जाने के मामले में बैंकों के साथ बातचीत करने का प्रस्ताव दिया है। देश छोड़कर भाग चुके शराब कारोबारी विजय माल्या ने ट्वीट कर कहा, 'मैं चाहता हूं कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करे और मुझे बैंकों के साथ बातचीत कर इस मसले को सुलझान का मौका दे।'
माल्या का यह ऑफर वैसे समय में सामने आया है जब कर्ज वसूली प्राधिकरण बैंकों को उनके कर्ज वसूली के लिए माल्या की संपत्ति को जब्त किए जाने का आदेश दे चुका है। हालांकि बैंकों को इस दिशा में मन मुताबिक सफलता नहीं मिल पाई है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में बैंकों ने माल्या के किंगफिशर हाउस और किंगफिशर विला की चौथी बार नीलामी की कोशिश की थी लेकिन फिर भी कोई खऱीदार नहीं मिला।
माल्या ने कहा, ‘सरकारी बैंकों के पास एक मुश्त कर्ज भुगतान को लेकर कई नीतियां हैं। सैंकड़ों कर्जदारों ने ऐसा किया है। आखिर हमें इसकी सुविधा से इनकार क्यों किया जाना चाहिए? हमने उच्चतम न्यायालय के समक्ष जो पेशकश की थी, उसे बैंकों ने बिना विचारे खारिज कर दिया। मैं निष्पक्ष आधार पर मामले के निपटान के लिये बातचीत को तैयार हूं।’
माल्या ने कहा कि उन्होंने अदालत के हर आदेश का पालन किया और अब ऐसा लगता है कि सरकार बिना निष्पक्ष सुनवाई के मुझे दोषी ठहराने पर तुली है। माल्या के खिलाफ देश के विभिन्न बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपये बकाया है।
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Source : News State Buraeu