भारत का थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति मार्च में 29 महीने के निचले स्तर 1.34 प्रतिशत पर आ गई, जिसका कारण प्राथमिक वस्तुओं, विनिर्मित उत्पादों, ईंधन और बिजली के साथ-साथ भोजन के सूचकांक में भारी गिरावट है।
थोक मुद्रास्फीति फरवरी 2023 में 3.85 प्रतिशत थी, जबकि जनवरी 2023 में यह 4.73 प्रतिशत थी।
यहां तक कि फरवरी की डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति भी 3.85 फीसदी थी, जो दो साल के निचले स्तर पर थी।
जनवरी 2021 में थोक महंगाई दर गिरकर 2.51 फीसदी पर आ गई थी।
थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े मार्च 2023 में खुदरा मुद्रास्फीति के 5.66 प्रतिशत पर रहने के कुछ दिनों बाद आए हैं, जो कि 15 महीने के निचले स्तर पर था।
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Source : IANS