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देश में कम हो रही है बेरोजगारी, जून तिमाही में EPFO ने जोड़े दोगुने नए सदस्य

बेरोजगारी की मार झेल रही देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है. देश में संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को बयां करने वाली एंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन यानी EPFO ने जून 2022 में 18.36 लाख नए सदस्य जोड़े हैं.

Updated on: 17 Sep 2022, 05:16 PM

नई दिल्ली:

बेरोजगारी की मार झेल रही देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है.दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की ओर से शनिवार को जारी मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में बताया गया है कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान EPFO से जुड़ने वालों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी बढ़ोतरी हुई. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि शहरी इलाकों में लगातार चौथी तिमाही में बेरोजगारी में गिरावट दर्ज की गई है. मंत्रालय के मुताबिक इस वक्त शहरी बेरोजगारी दर 7.6% बनी हुई है.


देश में संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को बयां करने वाली एंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन यानी EPFO ने जून 2022 में 18.36 लाख नए सदस्य जोड़े हैं. यह आंकड़ा अब से एक वर्ष पहले के समान अवधि में जोड़े गए 12.83 लाख नेट नए सदस्यों की तुलना में 43 फीसदी ज्यादा है. इसमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले राज्यों के रूप में शीर्ष पर हैं. ईपीएफओ ने इन अकेले इन राज्यों से जून 2022 में 12.61 लाख नए सदस्य जोड़े हैं. इन में 4.06 लाख महिला मेंबर्स भी शामिल हैं.

गौरतलब है कि ईपीएफओ में जून महीने के दौरान शामिल हुए 18.36 लाख नए सदस्यों में से लगभग 10.54 लाख ऐसे सदस्य हैं, जो पहली बार ईपीएफ और एमपी एक्ट 1952 के तहत सामाजिक सुरक्षा से जुड़े हैं. पेरोल आंकड़ों के मुताबिक जून 2022 के दौरान सबसे ज्यादा वृद्धि 22-25 वर्ष के आयु वर्ग में हुआ है. गौरतलब है कि इस दौरान इस आयु वर्ग में 4.72 लाख नए सदस्य ईपीएफओ परिवार में शामिल हुए हैं.

देश में बढ़ रहा है एफडीआई
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि विकसित और विकासशील देशों के बीच निवेश के लिए  भारत एक आकर्षक स्थान के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी है. अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भारत सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI हासिल करने वाले देशों में 5वें नंबर पर रहा.