जीएसटी के लागू होने के बाद 5 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी गैर जमानती अपराध माना जाएगा और पुलिस आरोपी को बिना वारंट के ही गिरफ्तार कर सकेगी।
केंद्रीय जीएसटी कानून के मुताबिक, यदि टैक्स योग्य वस्तु या टैक्स योग्य सेवाएं, जिसमें टैक्स चोरी की रकम 5 करोड़ रुपये से अधिक है तो संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध माना जाएगा।
जीएसटी पर अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) की सूची में (सीबीईसी) केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने कहा कि इस कानून के तहत अपराध गैर-जमानती और संज्ञेय माना जाएगा।
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एफएक्यू के मुताबिक, संज्ञेय अपराध गंभीर श्रेणी के ऐसे अपराधों में शामिल हैं, जिसमें किसी पुलिस अधिकारी को आरोपी को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार होता है। जिसके अनुसार बिना कोर्ट की अनुमति के बगैर भी जांच शुरू कर सकती है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने 223 पन्नों में जीएसटी से जुड़े कई सवालों के जवाब एफएक्यू में दिये हैं।
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सरकार ने जीएसटी लागू करने के लिए 1 जुलाई का लक्ष्य तय किया है। जीएसटी लागू होने से केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, मूल्य वर्धित कर और अन्य स्थानीय चुंगियां एक ही टैक्स में शामिल हो जाएंगी।
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Source : News Nation Bureau