पुरानी कार तोड़ने वाली देश की पहली कंपनी तैयार, मिली मान्‍यता

सेरो (महिंद्रा एमएसटीसी रिसायकलिंग प्रा. लि.) मोटर वाहनों की पहली प्राधिकृत रिसायकलर कंपनी बन गई है.

सेरो (महिंद्रा एमएसटीसी रिसायकलिंग प्रा. लि.) मोटर वाहनों की पहली प्राधिकृत रिसायकलर कंपनी बन गई है.

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vinay mishra
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पुरानी कार तोड़ने वाली देश की पहली कंपनी तैयार, मिली मान्‍यता

Vehicles recycler company (फाइल फोटो)

सेरो (महिंद्रा एमएसटीसी रिसायकलिंग प्रा. लि.) मोटर वाहनों की पहली प्राधिकृत रिसायकलर कंपनी बन गई है, जिसे दिल्ली सरकार से 21 दिसंबर (शुक्रवार) को मान्यता मिल गई है. कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी. सेरो ने एक बयान में कहा कि महिंद्रा ऑक्सेलो और एमएसटीसी (इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार का उपक्रम) का संयुक्त उद्यम सेरो ने ग्रेटर नोइडा में भारत का पहला संगठित, नियमों का पालन करनेवाला और प्रदूषण मुक्त इकाई स्थापित की है. यहां जिन वाहनों की आयु समाप्त हुई है, उनको जमा करके, प्रदूषण मुक्त करके तोड़ा जाएगा है.

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कंपनी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा स्थित इकाई में शून्य प्रदूषण के लक्ष्य को अपनाया है, जिसका मुख्य लक्ष्य जीरो प्रदूषण है (इसीलिये सेरो नाम है जिसका स्पेनिश में अर्थ शून्य होता है). कंपनी के इस स्वचालित संयंत्र में पुराने ट्रकों, बसों, कारों, दो और तीन पहियेवाले वाहन तथा उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं को रिसाइकिल किया जाएगा.

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कंपनी ने बताया कि सेरो की यूनिट आयएसओ 9001, आयएसओ 14001 जैसे पर्यावरणीय अनुपाल और सभी आंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाण पत्र नियमों का पालन करता है.

महिंद्रा पार्टनर्स एंड ग्रुप लीगल के अध्यक्ष और समूह के कार्यकारी मंडल के सदस्य जुबेन भिवंडीवाला ने कहा, "वाहन को छोटा करना, फिर से उपयोग मे लाना और रिसायकल करने के तत्व पर फोकस करके स्थिरता के मुद्दे को ध्यान में रखने की महिंद्रा की प्रतिबद्धता को इस अधिस्वीकृती से मान्यता मिली है. जिनकी आयु समाप्त हुई है, ऐसे वाहनों की परिस्थितिकी तंत्र को संगठित करना सेरो का उद्देश्य है. यह क्षेत्र फिलहाल बुरी तरह से असंगठित और अकार्यक्षम है. सेरो की मूल कंपनी महिंद्रा अॅक्सेलो ने साल 2018 में बॉन मौसम परिषद में विज्ञान आधारित लक्ष्य उपायों पर हस्ताक्षर किये है."

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कंपनी ने कहा कि दिल्ली परिवहन विभाग ने 40 लाख वाहनों को अपंजीकृत किया है और वो अब दिल्ली की सडकों पर कानूनी तौर पर उतर नही सकते. ऐसे में पुराने वाहनो को स्क्रैप करने से अनेक धातु विशेषत: इस्पात मिलते है, जिसका एक कार के बनावट में 65 से 70 फीसदी हिस्सा होता है. स्क्रैप से इस्पात के बरामद होने से भारत की स्क्रैप इस्पात आयात पर निर्भरता कम हो जायेगी, जो प्रतिवर्ष 80 लाख टन है.

महिंद्रा ऑक्सेलो के कार्यकारी संस्थापक सुमित इस्सार ने कहा, "सड़कों पर प्रदूषण फैलानेवाले पुराने वाहनों के कारण दिल्ली जैसे बड़े शहरों में आरोग्य की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लोगों के पास जिम्मेदारी से पर्यावरणीय नियमों का पालन करते हुए अपने वाहनों को नष्ट करने का बहुत ही कम विकल्प है. ऐसे में सेरो जैसे प्राधिकृत रिसायकलर की सेवा प्रदूषण मुक्त प्रमाणन की पेशकश करती है."

Source : News Nation Bureau

Vehicles recycler company
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