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exporter (फाइल फोटो)
भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (EEPC) ने सोमवार को कहा कि ऐसी खबरें आ रही है कि आरबीआई (RBI) निर्यात आय के गैर-प्राप्ति के मामलों को ईडी (ED) के हवाले करने पर विचार कर रहा है, जिससे उन निर्यातकों (Exporter) के बीच भी आतंक पैदा हो गया है, जिन्होंने अपने बैंकों को प्रेषण रसीदों के रिकॉर्ड जमा कर दिए हैं. ईईपीसी (EEPC) के अध्यक्ष रवि सहगल ने एक बयान में कहा, "हमें सभी सदस्यों को सभी आवश्यक कागजात जमा करने के बाद भी प्रेषण रसीदों के बारे में दस्तावेज जारी नहीं करने वाले बैंकों के बारे में कई शिकायतें मिली हैं. इस प्रकार, निर्यातकों (Exporter) को दोगुना नुकसान उठाने और प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई की संभावना का सामना करना पड़ रहा है."
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उन्होंने कहा कि ईईपीसी (EEPC) नियमित रूप से अपने सदस्यों को उनके प्रेषण रिकॉर्ड को सुलझाने के लिए सलाह दे रही है, जबकि कई बैंक सीरिया, ईरान और सूडान जैसे देशों को शिपमेंट के संबंध में मंजूरी जारी नहीं कर रहे हैं.
सहगल ने कहा कि ऐसे समय में जब अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी, ब्रेक्सिट पर अनिश्चितता और अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के कारण निर्यात क्षेत्र गिरावट का सामना कर रहा है, आरबीआई (RBI) और सरकार को 'दोस्ताना तरीके से' प्रेषण जैसे मुद्दों से निपटना चाहिए.'
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इंजीनियरिंग निर्यात के शीर्ष निकाय के मुताबिक, भारत का कुल व्यापार निर्यात स्थिर रहा है इस नवंबर में 1 फीसदी से भी कम की वृद्धि दर्ज की गई है.
Source : News Nation Bureau