आर्थिक मोर्चे पर पिछले 6 सालों के दौरान देश की विकास दर में सबसे बड़ी गिरावट आई है. पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 5.8 से घटकर 5 तक जा पहुंची है. पिछले साल इस तिमाही मे देश का ग्रोथ रेट 8.2 फीसदी था. जबकि साल 2019-20 की पहली तिमाही अप्रैल से जून में जीडीपी 5% रहा. इससे पहले की तिमाही जनवरी-मार्च में 5.8% था. कृषि और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे बड़ी गिरावट हुई है. कृषि विकास दर घटकर 2 फीसदी पहुंची तो वहीं मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में विकास दर 12.2 से घटकर 0.6 तक जा पहुंची है.
मोदी सरकार में सबसे बड़ी गिरावट
पिछले 6 सालों के दौरान नरेंद्र मोदी सरकारी की किसी एक तिमाही में सबसे ज्यादा सुस्त रफ्तार है. अब से लगभग 7 साल पहले यूपीए सरकार में किसी एक तिमाही में जीडीपी के आंकड़े इस स्तर पर पहुंचे थे. वित्त वर्ष 2012-13 की पहली तिमाही में जीडीपी के आंकड़े 4.9 फीसदी के निचले स्तर पर थे. बता दें कि RBI ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी का अनुमान घटाकर 6.9 फीसदी किया है. पहले चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी 7 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया था.
कृषि क्षेत्र में ग्रोथ 2 फीसदी इससे पहले की तिमाही में था -0.1%, निर्माण क्षेत्र में 5.7 फीसदी इससे पहले की तिमाही में था 7.1%, विनिर्माण क्षेत्र में 0.6 फीसदी इससे पहले की तिमाही में था 3.1% वहीं खनन क्षेत्र में 2.7 फीसदी जो इससे पहले की तिमाही में था 4.2 फीसदी था.
अगर कंस्ट्रक्शन सेक्टर की बात करें तो यहां 5.7 फीसदी की तेजी रही, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 9.6 फीसदी की तुलना में 3 फीसदी से अधिक गिरावट है. रियल एस्टेट, फाइनेंशियल और प्रफेशनल सर्विसेज पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 6.5 फीसदी की तुलना में 5.9 फीसदी की दर से आगे बढ़ा है. इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई समेत अन्य सेक्टर में मामूली तेजी देखने को मिली है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो