नोटबंदी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) करीब 44 फीसदी नई करेंसी बाजार में भेज चुका है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के बाद भारत में करेंसी की सप्लाई फरवरी महीने तक पूरी तरह से सामान्य हो जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को बड़ी घोषणा करते हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद पुराने नोटों को 30 दिसंबर तक बैंकों में जमा कराया जाना था।
नोटबंदी के बाद 50 दिनों के भीतर लोगों को नकदी की परेशानियों का सामना करना पड़ा जो अभी भी जारी है। हालांकि बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी महीने तक देश में करेंसी की समस्या खत्म हो जाएगी।
करेंसी को लेकर दिक्कत इसलिए भी आ रही थी क्योंकि नोटबंदी के पहले कुछ हफ्तों के भीतर रिजर्व बैंक केवल बड़े यानी 2000 रूपये के नोटों की छपाई कर रहा था लेकिन अब बैंक ने छोटे नोटों की छपाई शुरू कर दी है।
एसबीआई का अनुमान है कि इस महीने के अंत तक बाजार में 67 फीसदी नए नोट आ जाएंगे। वहीं अगले महीने 80-89 फीसदी नए नोट करेंसी बाजार में आ जाएंगे।
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक 4 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच करेंसी बाजार 17.97 लाख करोड़ रुपये से घटकर 9.38 लाख करोड़ रुपये हो गया। वहीं सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में सरकार ने बताया कि बाजार से नोटबंदी के बाद 86 फीसदी करेंसी बाहर निकाली गई। यानी यह रकम कुल 17.74 लाख करोड़ रुपये में से 15.25 लाख करोड़ रुपये के बराबर थी।
HIGHLIGHTS
- नोटबंदी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) करीब 44 फीसदी नई करेंसी बाजार में भेज चुका है
- एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी तक करेंसी बाजार में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी
Source : News State Buraeu