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मंदी की आहट : विश्‍व बैंक ने विकास दर अनुमान को घटाया

आर्थिक मंदी (Economic slowdown) के शोर और हंगामे के बीच भारत को एक और बड़ा झटका लगता हुआ नजर हुआ नजर आ रहा है. विश्व बैंक (world bank)ने अब भारत की विकास दर (India growth rate) का अनुमान घटा दिया है.

Updated on: 13 Oct 2019, 12:16 PM

नई दिल्‍ली:

आर्थिक मंदी (Economic slowdown) के शोर और हंगामे के बीच भारत को एक और बड़ा झटका लगता हुआ नजर हुआ नजर आ रहा है. विश्व बैंक (world bank)ने अब भारत की विकास दर (India growth rate) का अनुमान घटा दिया है. भारत की ग्रोथ रेट (growth rate)को घटाकर 6 फीसदी कर दिया है. साल 2018-19 में भारत की ग्रोथ रेट 6.9 फीसदी थी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF ) (International Monetary Fund) के साथ सालाना बैठक के बाद विश्व बैंक ने ये घोषणा की है.

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विश्व बैंक (world bank) का हालांकि यह भी कहना है कि भले ही इस बार विकास दर का अनुमान घटा दिया गया हो, लेकिन साल 2021 में वृद्धि दर फिर से 6.9 फीसदी पर आने की पूरी संभावना है. यह नहीं 2022 में इसमें तो इसमें और भी सुधार की संभावना जताई गई है. जो 7.2 फीसदी तक जा सकती है.

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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF ) के साथ सालाना बैठक के बाद विश्व बैंक की ओर से घोषणा करते हुए यह भी कहा गया कि भारत की विकास दर में लगातार दूसरे साल आर्थिक वृद्धि दर कम हुई है. 2017-18 में विकास दर 7.2 फीसदी थी. इस बीच जानकारी मिली है कि 15 अक्‍टूबर को आईएमएफ चालू और अगले वर्ष के लिए अपने वृद्धि दर अनुमान के आधिकारिक संशोधित आंकड़े जारी करेगा. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वर्ष 2019-20 के लिए भारत की विकास दर के अनुमान को घटाया था. आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक विकास दर सात फीसद रहने की संभावना जताई है. इसमें 0.30 फीसदी की कटौती की गई है.

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भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही मंदी की चपेट में है. इसी बीच शुक्रवार को ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने विश्व व्यापार में और भी गिरावट की आशंका व्यक्त की है. शीर्ष बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति रिपोर्ट में कहा है कि भविष्य के संकेतों से पता चलता है कि इस साल विश्व व्यापार में और गिरावट आने की आशंका है. आरबीआई ने कहा, वैश्विक व्यापार में मंदी, जो 2018 के उत्तरार्ध में शुरू हुई, 2019 में भी जारी है. आगे के लिए भी संकेत मिल रहे हैं कि विश्व व्यापार 2019 में और भी मंद हो सकता है. अमेरिका में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की विकास दर घटी है. वहां की जीडीपी 2019 की दूसरी तिमाही में घटकर दो फीसदी पर पहुंच गई है.

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आरबीआई ने आगे कहा कि ब्रिक्सिट और व्यापार तनाव के बीच अनिश्चितताओं के चलते यूरो क्षेत्र की जीडीपी वृद्धि दर भी 2019 की दूसरी तिमाही में धीमी हुई है. गिरते निर्यात के बीच ऑटो उद्योग में आए संकट के कारण जर्मन अर्थव्यवस्था भी साल की दूसरी तिमाही में संकुचित हुई है. तीसरी तिमाही में प्रवेश करने के दौरान भी इसकी रफ्तार संतोषजनक नहीं है। यहां कारखानों की गतिविधि में लगातार नौवें महीने गिरावट दर्ज की गई है.

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इसके साथ ही दूसरी तिमाही में उद्योग और कृषि गतिविधियों के निराशाजनक प्रदर्शन से इटली का सकल घरेलू उत्पाद भी सिकुड़ा है. अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव में वृद्धि और वैश्विक मांग में आई गिरावट के बीच जापानी अर्थव्यवस्था पूर्ववर्ती तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में धीमी गति से बढ़ी है.