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Share Market Fall (social media)
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Share Market Fall (social media)
Share Market Fall: भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है. सेंसेक्स 664 अंक टूटकर बंद हुआ. निवेशकों के करीब दो लाख करोड़ रुपये डूब गए. इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख वजह हैं. ये घरेलू और वैश्विक कारणों से जुड़े हैं. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लुढ़क चुके हैं. इसके पीछे अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में आई तेजी बताई जा रही है. यहां के शेयर बाजारों में गिरावट, अमेरिका की बिगड़ती आर्थिक स्थिति और वैश्विक बाजारों से मिल रहे कमजोर संकेतों को जिम्मेदार ठहराया गया है. इसके अलावा, बीते सप्ताह ग्लोबल रेटिंग एजेंसी Moody's ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग को गिराया है. बाजार के ऐसे हालात को देखते हुए ज्यादातर एक्सपर्ट निवेशकों को यही सलाह दे रहे हैं कि वे बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरतें. दीर्घकालिक निवेश को चुनें.
अमेरिका की वित्तीय हालात को लेकर चिंता बढ़ी है. इसके कारण शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई है. अमेरिकी सरकार नया बजट बनाने को भी काम कर रही है. इसमें टैक्स में कटौती की बात है. मगर निवेशकों को डर है कि इससे पहले से बड़ा हो चुका फेडरल घाटा काफी बढ़ सकता है. बीते सप्ताह मूडीज की ओर से अमेरिका की कर्ज साख (debt outlook) गिरी है. इससे चिंता और बढ़ गई. अमेरिका में $3.8 ट्रिलियन के नए टैक्स और खर्च बिल के पारित होने की वजह से राष्ट्रीय कर्ज में इजाफा हुआ है. इसके परिणाम में अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड 18 माह के उच्चतम स्तर पर है. बाजारों से निवेश की निकासी तेजी से हुई है. ऐसे में भारतीयों पर दबाव है. निवेश की निकासी हो रही है.
सबसे ज्यादा आईटी और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में गिरावट है. आईटी कंपनियों की अमेरिका पर ज्यादा निर्भरता है. इसके कारण अमेरिकी आर्थिक मंदी की आशंका से निवेशकों ने इन शेयरों में बिकवाली हुई है.
भारतीय रुपया 86.10 प्रति डॉलर के स्तर पर गिर चुका है. यह एक माह के न्यूनतम स्तर पर है. इस गिरावट का कारण विदेशी निवेशों की ओर से भारतीय शेयरों से पूंजी को निकालना है. डॉलर की मांग में बढ़ोतरी खास वजह है.
निवेशकों की चिंता इस बात से जाहिर हुई है कि भारत का वोलैटिलिटी इंडेक्स (India VIX) 2.8% बढ़कर 18.04 तक पहुंच चुका है. हालांकि यह घटकर 17.54 तक पहुंच गया. यह इंडेक्स बताता है कि बाजार में कितनी ज्यादा हलचल है.
कई कंपनियों, जैसे कोलगेट-पामोलिव (इंडिया), ने कमजोर तिमाही परिणाम दिए हैं. इससे इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई और पूरे बाजार भावना पर नकारात्मक प्रभाव दिखा.