गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जरूरत पड़ने पर, समय-समय पर तरलता के संचालन में सुधार करेगा।
उन्होंने एफआईएमएमडीए-पीडीएआई वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक प्रणाली में आरामदायक तरलता की स्थिति बनाए रखने के अपने प्रयास के एक अभिन्न तत्व के रूप में सरकारी प्रतिभूति बाजार में पर्याप्त तरलता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।
उन्होंने कहा, इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने का प्रयास जारी है, क्योंकि बाजार नियमित समय पर व्यवस्थित हो जाते हैं और कामकाज और तरलता संचालन सामान्य हो जाता है, रिजर्व बैंक समय-समय पर फाइन-ट्यूनिंग संचालन भी करेगा, जैसा कि अप्रत्याशित और एकमुश्त तरलता प्रवाह का प्रबंधन करने के लिए आवश्यक है, ताकि तरल स्थिति प्रणाली में संतुलन आए और यह समान रूप से विकसित हो।
यह देखते हुए कि सरकारी प्रतिभूतियां एक अलग परिसंपत्ति वर्ग हैं, दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था के समग्र मैक्रो ब्याज दर के माहौल में सरकारी प्रतिभूति बाजार की भूमिका की सराहना करना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में सरकारी प्रतिभूतियों का बाजार और इससे जुड़े बाजार के बुनियादी ढांचे एक ऐसे चरण में पहुंच गए हैं, जहां इसे दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक माना जा सकता है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ये घटनाक्रम अन्य प्रमुख वित्तीय बाजारों जैसे कि ब्याज दर डेरिवेटिव और विदेशी मुद्रा बाजारों के लिए बाजारों को विकसित करने और उदार बनाने के प्रयासों के साथ-साथ विभिन्न बाजारों और बाजार के बुनियादी ढांचे में संबंध बनाने के प्रयासों के साथ हुआ है।
उन्होंने कहा, हमने देश में वित्तीय बाजारों को विकसित करने में एक लंबा सफर तय किया है, लेकिन यह एक सतत यात्रा है और साथ में हम इसे और भी मजबूत और जीवंत बना सकते हैं।
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Source : IANS