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NPA के निपटारे के लिए RBI डिप्टी गवर्नर ने दिया अहम सुझाव, कहा-ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हो बिक्री

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने बैंकों के बढ़ते एनपीए की समस्या से निपटने को लेकर अहम सुझाव दिया है।

Updated on: 21 Jan 2018, 11:19 PM

highlights

  • आरबीआई डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने बैंकों के बढ़ते एनपीए की समस्या से निपटने को लेकर अहम सुझाव दिया है
  • आचार्य ने भारत में एनपीए को बेचने के लिए संयुक्त प्लेटफॉर्म बनाने की सलाह दी है

नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने बैंकों के बढ़ते एनपीए की समस्या से निपटने को लेकर अहम सुझाव दिया है।

आचार्य ने कहा कि भारत में एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां) को बेचने के लिए बैंक, परिसंपत्तियों का पुनर्निर्माण (रिकंस्ट्रक्शन) करने वाली कंपनी और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां साथ मिलकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बना सकती हैं।

आचार्य के मुताबिक, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भारत को एनपीए की बिक्री के लिए 'उन्नतिशील बाजार' प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

एसोचैम एरकॉन 2018 कार्यक्रम के उद्घाटन पर आचार्य ने शनिवार को कहा, 'भारतीय बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए), एसोसिएशन ऑफ एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनीज (एरकॉन) और क्रेडिट रेटिग एजेंसीज (सीआरएज) एक साथ मिलकर अमेरिका के लोन सिंडिकेशन एंड ट्रेडिंग एसोसिएशन (एलएसटीए) जैसा एक मंच बना सकती हैं।'

आचार्य ने कहा, 'मेरा सुझाव है कि इस पर विचार किया जाए। अमेरिका की तरह मूल्य निर्माण के लिए संभावना है, जैसाकि अमेरिका काफी समय से करता आया है और संकट के दौरान दक्षिण कोरिया ने भी ऐसा ही किया था। इस तरह कर्जो की बिक्री उद्योग का एक मानक बन गया।'

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