उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण की धमकी से दहशत में निवेशक, सेंसेक्स और निफ्टी क्रैश
उत्तर कोरिया के अमेरिका को धमकी दिए जाने और कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव का असर भारतीय शेयर बाजार पर दिखा।
highlights
- उत्तर कोरिया के अमेरिका को धमकी दिए जाने और कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव का असर भारतीय शेयर बाजार पर दिखा
- उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण की धमकी के बाद वैश्विक निवेशकों में दहशत दिखी और उन्होंने जमकर बिकवाल की
- कारोबार के आखिरी दिन बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 447.60 अंक टूटकर 31,922.44 पर बंद हुआ
- वहीं निफ्टी 1,000 के अहम और मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे फिसलकर बंद हुआ, जो पिछले 9 महीने का निचला स्तर है
नई दिल्ली:
उत्तर कोरिया के अमेरिका को धमकी दिए जाने और कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव का असर भारतीय शेयर बाजार पर दिखा। वैश्विक तनाव की आशंका की वजह से निवेशकों में घबराहट दिखी, जिससे एशिया समेत भारत के शेयर बाजार में जमकर बिकवाली हुई।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की उत्तर कोरिया को तबाह करने की चेतावनी दिए जाने के बाद किम जोंग उन ने एक बार फिर से हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने की धमकी दी है, जिसे लेकर वैश्विक स्तर पर तनाव बढ़ गया है।
उत्तर कोरिया ने प्रशांत महासागर में परमाणु बम का परीक्षण करने की धमकी दी है।
कारोबार के आखिरी दिन बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 447.60 अंक टूटकर 31,922.44 पर बंद हुआ वहीं निफ्टी 1,000 के अहम और मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे फिसलकर बंद हुआ, जो पिछले 9 महीने का निचला स्तर है।
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 157.50 अंक टूटकर 9.964.40 पर बंद हुआ।
इसके साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपये में आई कमजोरी ने सेंटीमेंट को कमजोर किया। दिन भर के कारोबार में रुपया टूटकर 65.15 के स्तर पर जा पहुंचा जो 5 अप्रैल के बाद का निचला स्तर है।
निवेशकों को बढ़ते राजकोषीय घाटे की चिंता का असर दिखा। गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा था कि अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिए सरकार सही समय पर सही उपाय करेगी।
कमजोर अर्थव्यवस्था से घबराई मोदी सरकार, इकॉनमी में 500 अरब रुपये झोंकने की तैयारी
देश की अर्थव्यवस्था अप्रैल-जून तिमाही में कम होकर 5.7 फीसदी हो चुकी है जो पिछले तीन सालों में सबसे कमजोर ग्रोथ रेट है। अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सरकार की तरफ से अर्थव्यवस्था में 500 अरब रुपये झोंके जाने की संभावना है, जिसकी वजह से राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है।
माना जा रहा है कि सरकार खर्च बढ़ाने के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के आंकड़ों को संशोधित कर सकती है, जिसे लेकर निवेशक दबाव में दिखे। 11 सितंबर के बाद यह बाजार में आई सबसे बड़ी कमजोरी है, जब सेंसेक्स 31,882.16 पर बंद हुआ था।
चीन की रेटिंग में कटौती
चीन की रेटिंग में कटौती किए जाने की वजह से भारत समेत एशियाई बाजारों के सेंटीमेंट पर बुरा असर पड़ा। चीन की अर्थव्यस्था पर बढ़ते कर्ज की वजह रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने उसकी क्रेडिट रेटिंग को घटा दिया है।
रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने आगाह किया है कि चीन के बढ़ते कर्ज की वजह से आर्थिक और वित्तीय जोखिम का अंदेशा बढ़ा है। 2017 में यह दूसरी बार है जब चीन की क्रेडिट रेटिंग को घटाया गया है।
स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने चीन की रेटिंग को एए माइनस से घटाकर ए प्लस किया है। इससे पहले मूडीज ने मई में चीन की रेटिंग घटाई थी।
कर्ज़ में डूबे बैंको को उबारने के लिए साधन जुटा रही है केंद्र सरकार
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