अमेरिकी बॉन्ड दरों में बढ़ोतरी से 700 अंक टूटा सेंसेक्स, निफ्टी 8300 के नीचे
हफ्ते के आखिरी दिन सेंसेक्स में जबरदस्त 700 से अधिक अंकों की गिरावट आई वहीं निफ्टी 8300 के अहम स्तर को तोड़कर नीचे चला गया।
highlights
- सेंसेक्स में जबरदस्त 700 से अधिक अंकों की गिरावट
- निफ्टी 8300 के अहम स्तर से नीचे फिसला
- सेंसेक्स में आई गिरावट की बड़ी वजह अमेरिकी बॉन्ड दरों में आई तेजी रही
New Delhi:
हफ्ते के आखिरी दिन सेंसेक्स में जबरदस्त 700 से अधिक अंकों की गिरावट आई वहीं निफ्टी 8300 के अहम स्तर को तोड़कर नीचे चला गया। गुरुवार की तेजी के बाद सेंसेक्स में जबरदस्त 700 अंकों कि गिरावट आई वहीं निफ्टी 229.45 अंक टूटकर 8300 के स्तर के नीचे चला गया। निफ्टी में 2.69 फीसदी की गिरावट आई।
सेंसेक्स 698.86 अंक टूटकर 26818.82 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 229.30 अंक टूटकर 8,296.30 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा दबाव बैंकिंग और ऑटो शेयरों में देखने को मिला। सेंसेक्स में सबसे अधिक टूटने वाले शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, अदानी पोर्ट्स, आईसीआईसीआई बैंक, हीरो मोटो कॉर्प, एशियन पेंट्स और टाटा मोटर्स रहे।
वहीं बैकेंक्स 581.29 अंक टूटकर 22604.30 पर बंद हुआ। बैंकिंग शेयरों में सबसे अधिक नुकसान यस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों को हुआ। दोनों बैंकों के शेयरों में 5 फीसदी से अधिक की गिरावट आई वहीं ऑटो शेयरों की भी जबरदस्त पिटाई हुई। ऑटो इंडेक्स में 4.53 फीसदी की गिरावट आई और यह करीब 1000 अंक टूटकर बंद हुआ।
ऑटो इंडेक्स में सभी शेयर लाल निशान में बंद हुए। मदरसन सुमी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और आयशर मोटर्स के शेयरों में 6-8 फीसदी तक की गिरावट आई।
सेंसेक्स में आई गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी बॉन्ड दरों में आई तेजी रही। अमेरिकी निवेशकों को लगता है कि ट्रंप के आने के बाद बनने वाली नीतियों की वजह से महंगाई में तेजी आएगी।
निवेशकों को लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की वजह से ब्याज दरों में बढ़ोतरी होंगी और इसकी वजह से उभरती अर्थव्यवस्थाओं से निवेश तेजी से निकलेगा। अधिक ब्याज दरों की वजह से अमेरिकी बाजार अन्य बाजारों के मुकाबले निवेशकों के लिए ज्यादा आकर्षक हो सकता है। भारतीय बाजार से निवेश निकलने से रुपया भी कमजोर होगा।
गुरूवार को बाजार में आई तेजी के बावजूद विदेशी निवेशकों ने शेयरों में जमकर बिकवाली की और इसकी वजह से शुक्रवार को बाजार में तेज गिरावट आई। गुरुवार को विदेशी निवेशकों ने 2,044.52 करोड़ रुपये की बिकवाली की।
इसके अलावा सितंबर तिमाही में कंपनियों के खराब नतीजों ने भी बाजार को कोई मजबूत समर्थन नहीं दिया है। इसके अलावा आने वाली तिमाही में भी कंपनियों के आय में किसी तरह के सुधार की उम्मीद नहीं होने ने बाजार को निराश किया है।
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