आरकॉम-एयरसेल सौदे पर मार्केट रेग्यूलेट सेबी के साथ बीएसई, एनएसई ने भी लगाई मुहर
अनिल अंबानी की रिलायंस कम्यूनिकेशन्स यानि आरकॉम को अपने वायरलेस क्षेत्र के एयरसेल में प्रस्तावित विलय को मार्केट रेग्यूलेटर सेबी और शेयर बाज़ार यानि बीएसई, एनएसई की मंजूरी मिल गई है।
नई दिल्ली:
अनिल अंबानी की रिलायंस कम्यूनिकेशन्स यानि आरकॉम को अपने वायरलेस क्षेत्र के एयरसेल में प्रस्तावित विलय को मार्केट रेग्यूलेटर सेबी और शेयर बाज़ार यानि बीएसई, एनएसई की मंजूरी मिल गई है।
बुधवार को कंपनी ने यह जानकारी दी। कंपनी ने एक बयान में बताया है कि, 'रिलायंस कम्यूनिकेशन को अपने वायरलेस खंड के एयरसेल और डिशनेट वायरलेस लि. में प्रस्तावित विलय को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), बीएसई लि. और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) की मंजूरी मिल गई है।'
कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि, 'रिलायंस कम्यूनिकेशन लिमिटेड ने राष्ट्रीय कंपनी कानून प्राधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई शाखा के पास भी मंजूरी के लिए आवेदन भेजा है। इस प्रस्तावित सौदे को अन्य जरूरी मंजूरी की भी जरूरत है।'
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अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम और एयरसेल ने 14 सितंबर, 2016 को अपने वायरलेस परिचालन के विलय की घोषणा की थी। इससे एक नई कंपनी का गठन किया जाएगा जिसकी परिसंपत्तियां 65,000 करोड़ रुपये की होंगी।
नई कंपनी में आरकॉम और मैक्सिस कम्युनिकेशंस बिरहाद यानी एमसीबी की बराबर 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी और दोनों ही कंपनियों का नई कंपनी बोर्ड और समितियों में समान प्रतिनिधित्व होगा।
विलय के बाद 2017 के अंत तक आरकॉम के कर्ज में 20,000 करोड़ रुपये तक की कमी आएगी, वहीं, एयरसेल का 4,000 करोड़ रुपये कर्ज भी कम हो सकेगा।
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