दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) ने 500 से अधिक किसान रेलों का सफलतापूर्वक संचालन किया है, क्योंकि सितंबर 2020 में दक्षिण भारत में इस तरह की पहली सेवा शुरू की गई थी। इस बारे में एससीआर के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
ये 500 किसान रेल तीन राज्यों आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र को कवर करने वाले जोन के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से संचालित की गई हैं। इनसे अब तक, 1.6 लाख टन से अधिक कृषि उत्पादों को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुँचाया गया है।
कृषि समुदाय की आय को दोगुना करने के लिए केंद्रीय बजट 2020-21 में किसान रेल अवधारणा की घोषणा की गई थी। भारतीय रेलवे द्वारा कृषि उत्पादों को कम से कम रास्ते में नुकसान के साथ सुरक्षित, सुरक्षित और तेज परिवहन प्रदान करने के लिए पहल सफलतापूर्वक शुरू की गई है। साथ ही किसान रेल द्वारा कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए भाड़ा शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
दक्षिण मध्य रेलवे की पहली किसान रेल को 9 सितंबर, 2020 को आंध्र प्रदेश राज्य के अनंतपुर स्टेशन से हरी झंडी दिखाई गई, जो दक्षिण भारत की पहली किसान रेल भी है, जबकि तेलंगाना की पहली किसान रेल 8 फरवरी, 2021 को वारंगल स्टेशन से शुरू हुई थी। एससीआर क्षेत्राधिकार में महाराष्ट्र राज्य से किसान रेल इस साल 5 जनवरी को नागरसोल स्टेशन से शुरू हुई थी।
अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण मध्य रेलवे पर किसान रेल ने अपनी शुरूआत की तारीख से ही बड़ी सफलता देखी है और विभिन्न किस्मों की सब्जियों और फलों को विशेष रूप से देश के दूर के राज्यों में स्थित विभिन्न गंतव्यों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इन ट्रेनों ने कृषि किसानों और व्यापारियों को विशेष रूप से कोविड-19 की महामारी के समय में अपनी उपज का विपणन करने के लिए एक बड़ा समर्थन प्रदान करने में मदद की है। कुल मिलाकर, महाराष्ट्र राज्य से 359 किसान रेल, आंध्र प्रदेश से 78 किसान रेल और तेलंगाना से 63 किसान रेल की ढुलाई की गई है।
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Source : IANS