सुप्रीम कोर्ट ने RERA पर केंद्र की याचिका की मंजूर, सभी PIL एक जगह ट्रांसफर करने की अपील

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की रियल एस्टेट रेग्युलेशन और डेवलपमेंट (रेरा) एक्ट के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं को सुनने की अपील स्वीकार कर ली है।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की रियल एस्टेट रेग्युलेशन और डेवलपमेंट (रेरा) एक्ट के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं को सुनने की अपील स्वीकार कर ली है।

author-image
Shivani Bansal
एडिट
New Update
सुप्रीम कोर्ट ने RERA पर केंद्र की याचिका की मंजूर, सभी PIL एक जगह ट्रांसफर करने की अपील

रेरा (सांकेतिक फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की रियल एस्टेट रेग्युलेशन और डेवलपमेंट (रेरा) एक्ट के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं को सुनने की अपील स्वीकार कर ली है। यह याचिकाओं देश के विभिन्न हाईकोर्ट्स में लंबित है। यह याचिकाएं रेरा कानून की वैधता की जांच के लिए दायर की गई है।

Advertisment

सरकार ने इस मामले को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच के समक्ष रखा है और कहा कि रेरा कानून की वैधता जांच करने के लिए 21 याचिकाएं देश के विभिन्न हाईकोर्ट्स में लंबित हैं।

सरकार ने कोर्ट से कहा कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में दायर इन याचिकाओं को न्यायिक निर्णय के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया जाना चाहिए। 

कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार की डेडलाइन 31 दिसंबर तक बढ़ी

इस बेंच में जस्टिस अमितवा रॉय और ए एम खानविलकर शामिल हैं। केंद्र की इस याचिका पर बेंच सुनवाई के लिए तैयार हो गया और सुनवाई के लिए 4 सितंबर की तारीख तय की है। 

क्या है रेरा (RERA)? 

बता दें कि केंद्र सरकार रियल एस्टेट को रेग्यूलेट करने के मकसद से 1 मई 2017 को रेरा कानून लाई थी। जो कि एक साल बाद संसद से पारित हुआ था। इस एक्ट के अंतर्गत, डेवलपर्स, प्रोजेक्ट्स और एजेंटों को 31 जुलाई तक अपने प्रोजेक्ट्स को रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी में रजिस्टर करना ज़रुरी था।

कोई भी गैर-पंजीकृत प्रोजेक्ट्स को रेग्यूलेटर अनाधिकृत मानेगा। रेरा के अंतर्गत प्रत्येक राज्य और यूनियन टेरिटरी (केंद्र-शासित प्रदेश) को अपनी खुद की रेग्युलेटरी अथॉरिटी लानी होगी, जोकि तय नियम-कानूनों को लागू कराएगी।

रियल एस्टेट एक्ट हुआ लागू, बिल्डरों की मनमानी पर रोक, समय पर नहीं दिया घर तो जाना होगा जेल

रेरा के तह्त नए और पहले से चल रहे दोनों प्रोजेक्ट्स कानून के दायरे में आते हैं, जहां कंपलीशन और ऑक्यूपेशन का सर्टिफिकेट नहीं दिया गया हो। 

रेरा कानून बिल्डरों की किसी भूखंड, इमारत का अपार्टमेंट या मकानों/प्रॉपर्टी की बिक्री, खरीद, या ऑफर फोर सेल या किसी अचल संपत्ति परियोजना के लिए ग्राहकों को नहीं बुला सकता जबतक की प्रॉपर्टी रजिस्टर न हो।

यह भी पढ़ें: आमिर खान की 'दंगल' हांगकांग के बॉक्स ऑफिस पर छाई

Source : News Nation Bureau

Supreme Court modi govt Delhi HC RERA
      
Advertisment