ग्रामीण बैंकों का भी शुरू होगा विलय, 56 से घटकर संख्‍या रह जाएगी 36

सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ साथ अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) के एकीकरण की प्रक्रिया भी शुरू करने जा रही है.

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vinay mishra
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ग्रामीण बैंकों का भी शुरू होगा विलय, 56 से घटकर संख्‍या रह जाएगी 36

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सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ साथ अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) के एकीकरण की प्रक्रिया भी शुरू करने जा रही है. सरकार का इरादा RRB की संख्या को मौजूदा 56 से घटाकर 36 करने का है.

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वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बारे में केंद्र ने राज्यों के साथ विचार विमर्श शुरू किया है, क्योंकि देश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के वह भी स्‍पाॅसंर हैं. इस अधिकारी के अनुसार इसके अलावा प्रायोजक बैंक किसी एक राज्य के भीतर स्थित RRB के आपस में विलय की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं.

बड़े बैंकों का विलय शुरू

यह घटनाक्रम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि सरकार ने इसी महीने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय की प्रक्रिया शुरू की है. अधिकारी ने कहा कि आरआरबी के प्रस्तावित एकीकरण के तहत उनकी संख्या को 56 से घटाकर 36 पर लाया जाएगा. इससे आरआरबी की कार्यकुशलता और कार्यक्षमता बढ़ेगी और साथ ही इन बैंकों की वित्तीय स्थिति सुधारी जा सकेगी. इससे वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को आसानी से पाया जा सकेगा.

कानून में हो चुका है संशोधन

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का गठन आरआरबी अधिनियमन 1976 के तहत किया गया है. इनके गठन के पीछे मकसद छोटे किसानों, कृषि श्रमिकों और ग्रामीण क्षेत्र में कारीगरों को कर्ज तथा दूसरी सुविधायें उपलब्ध कराना था. इस कानून में 2015 में संशोधन किया गया. इसके तहत इन बैंकों को केन्द्र, राज्य सरकारों और प्रायोजक बैंक के अलावा दूसरे स्रोतों से पूंजी जुटाने की अनुमति दी गई. वर्तमान में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत है जबकि 35 प्रतिाश्त हिस्सेदारी संबंधित प्रायोजक बैंक की और 15 प्रतिशत राज्य सरकार की हिस्सेदारी है.

Source : News Nation Bureau

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