रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता के जरिये युद्ध समाप्त करने की संभावना से वैश्विक स्तर पर जिंसों के दाम में जारी तूफानी तेजी धीमी पड़ गयी है।
जिंसों के दाम अब भी ऊंचे स्तर पर हैं लेकिन इनकी कीमतों में जारी तेजी की गति मंद पड़ गयी है।
दोनों देशों के बीच एक माह से भी अधिक समय से युद्ध हो रहा है। इस लड़ाई की समाप्ति के लिये दोनों पक्षों के बीच नये दौर की बातचीत शुरू हो गयी है।
रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में जिसों के दाम आसमान छूने लगे हैं। आपूर्ति संकट की वजह से कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, कोयला, निकेल, तांबा, अल्युमिनियम, पोटाश, टाइटेनियम और पैलेडियम सबके दाम में काफी बढ़ोतरी देखी गयी है।
कमोडिटी के दाम में तेजी की वजह से पेट्रोल, डीजल, स्टील, सीमेंट और उर्वरक के दाम बढ़ गये हैं।
इससे भारत की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा क्योंकि भारत इन औद्योगिक उत्पादों का बड़ा आयातक है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक तपन पटेल ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता में प्रगति से कमोडिटी के दाम में नरम आयी है। सोने और कच्चे तेल के दाम मंगलवार को लुढ़के हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि, रूस के सीजफायर न करने और ठोस उपाय न निकलने से निवेशक आशंकित हैं। डॉलर के कमजोर पड़ने और अमेरिकी बांड यील्ड में गिरावट से सोने, कच्चे तेल और धातु के दाम बुधवार को तेजी में आ गये हैं।
आईआईएफएल के शोध उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि युद्धरत देशों के बीच शांतिवार्ता शुरू होने से कच्चे तेल और सोने के दाम में गिरावट आयी है। निवेशकों का रूझान अब शेयर बाजार में बढ़ रहा है।
कैपिटल वाया ग्लोबल रिसर्च के कमोडिटीज एंड करेंसीज प्रमुख क्षितिज पुरोहित ने कहा कि आपूर्ति संकट के कारण धातु और ऊर्जा के दाम बढ़े हुये हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता कम होने से सोने और चांदी के दाम टूटे हैं।
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Source : IANS