रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने शुक्रवार को कहा कि उसने पूर्वी अपटीय इलाका कृष्णा-गोदावरी बेसिन के डी-6 ब्लॉक स्थित अपने एकमात्र तेल क्षेत्र को स्थायी तौर पर बंद कर दिया है. कंपनी ने यह फैसला वहां कच्चे तेल का उत्पादन बंद होने के बाद लिया है. ब्लॉक में धीरुभाई-26 (डी-26) या एमए एकमात्र तेल क्षेत्र था, जिसका संचालन आरआईएल, ब्रिटिश तेल कंपनी बीपी और कनाडा की कंपनी निको रिसोर्सेस के समूह द्वारा किया जाता था.
आरआईएल ने स्टॉक एक्सचेंज की फाइलिंग में बताया, 'सूचित किया जाता है कि केजी-डीडब्ल्यूएन-98/3 (केजीडी-6) स्थित एमए (डी-26) में 17 सितंबर, 2018 से उत्पादन बंद है. एक संयुक्त उपक्रम के रूप में इसका संचालन आरआईएल द्वारा किया जाता था. इस संयुक्त उपक्रम में आरआईएल का हिस्सा 60 फीसदी, बीपी का 30 फीसदी और निको का 10 फीसदी है.
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कंपनी के अनुसार, इस तेल क्षेत्र की खोज 2006 में की गई और सितंबर 2008 में यहां उत्पादन शुरू हुआ. कंपनी ने कहा कि संबद्ध सरकारी एजेंसियों को इसकी सूचना पहले ही दी जा चुकी है.
कंपनी के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में आरआईएल के समेकित स्तर के राजस्व के मामले में एमए फील्ड का योगदान 0.1 फीसदी था.
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बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर आरआईएल का स्टॉक शुक्रवार को पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले 6.55 रुपये यानी 0.54 फीसदी की बढ़त के साथ 1,216.85 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ.