भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2022 की अक्टूबर मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान अपनी प्रमुख अल्पकालिक उधार दरों को बरकरार रखा।
इसके अलावा, आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विकासोन्मुखी समायोजनात्मक रुख को बरकरार रखा गया।
इसके अनुसार, केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने वाणिज्यिक बैंकों के लिए रेपो दर, या अल्पकालिक उधार दर को 4 प्रतिशत पर बनाए रखने के लिए सहमति जताई।
इसी तरह, रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर को 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया था।
व्यापक रूप से यह अपेक्षा की गई थी कि एमपीसी दरें और समायोजनात्मक रुख बनाए रखेगी।
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Source : IANS