इतिहास में पहली मंदी पर लगी सरकार की मुहर, दूसरी तिमाही में -7.5 फीसदी की ग्रोथ
इतिहास में पहली मंदी पर लगी सरकार की मुहर, दूसरी तिमाही में -7.5 फीसदी की ग्रोथ
नई दिल्ली :
कोरोना महामारी के बीच दूसरी बार जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े सामने आ गए हैं. देश के इतिहास में पहली बार मंदी पर मुहर लगी है. वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी यानी सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव में 7.5 फीसदी रही है. वित्त वर्ष की पहली यानी जून की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 24 फीसदी की भारी गिरावट आ चुकी है.
सांख्यिकी मंत्रालय ने जीडीपी के आंकड़े जुलाई से सितंबर तक के जारी किए हैं. पहली तिमाही में - 23.9 फीसदी जीडीपी का आंकड़ा रहा था. दूसरी तिमाही में भी जीडीपी नेगेटिव में गया है.
GDP at constant (2011-12) prices in Q2 of 2020-21 is estimated at Rs 33.14 lakh crores, as against Rs 35.84 lakh crores in Q2 of 2019-20, showing a contraction of 7.5% as compared to 4.4% growth in Q2 of 2019-20: Ministry of Statistics & Programme Implementation
— ANI (@ANI) November 27, 2020
सीईए के मुताबिक मौजूदा अनिश्चितता को देखते हुए, अभी यह अनुमान जताना मुश्किल है कि आर्थिक वृद्धि दर सकारात्मक दायरे में तीसरी या चौथी तिमाही में आएगी.
हाल में आरबीआई के एक अधिकारी ने कहा था कि इस तरह लगातार दो तिमाहियों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट के साथ देश पहली बार मंदी के चक्र में फंस गया है. कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के असर से पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट आई थी.
इसे भी पढ़ें:इसको डेप्युटी CM बनवाया, नीतीश ने तेजस्वी को दिखाया अपना रौद्र रूप
अर्थव्यवस्था के परिभाषा के मुताबिक अगर किसी देश की जीडीपी लगातार दो तिमाही निगेटिव रहती है तो उसे मंदी मान लिया जाता है. इस हिसाब से भारत की जीडीपी निगेटिव रही है तो यह कहा जा सकता है कि देश में मंदी आ चुकी है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें