रियल एस्टेट एक्ट हुआ लागू, बिल्डरों की मनमानी पर रोक, समय पर नहीं दिया घर तो जाना होगा जेल
रियल एस्टेट रेग्लूलेशन एक्ट (रेरा) 1 मई से देश में लागू हो गया है। इसके बाद अब बिल्डर्स की मनमानी पर कड़ी लगाम लगाई जा सकेगी और इस सेक्टर को रेग्यूलेट किया जा सकेगा। अब घर खरीदने वाले को यह चिंता नहीं होगी कि घर समय पर मिलेगा या नहीं।
नई दिल्ली:
रियल एस्टेट रेग्लूलेशन एक्ट (रेरा) 1 मई से देश में लागू हो गया है। इसके बाद अब बिल्डर्स की मनमानी पर कड़ी लगाम लगाई जा सकेगी और इस सेक्टर को रेग्यूलेट किया जा सकेगा। अब घर खरीदने वाले को यह चिंता नहीं होगी कि घर समय पर मिलेगा या नहीं।
रियल स्टेट सेक्टर को और ज़्यादा रेग्यूलाइज़ करने के इरादे से यह कानून लाया गया है। अगर बिल्डर्स तय समय पर घर की पोज़ीशन नहीं दे पाएंगे तो उन्हें इस ऐक्ट में जेल भेजने तक का प्रावधान शामिल है। इसके मुताबिक झूठे वायदे करने और बायर्स को परेशान करने के आरोप के तह्त तीन साल तक की जेल हो सकेगी।
जानिए इस एक्ट की 10 ख़ास बातें-
1- रेरा एक्ट के मुताबिक अब डेवलपर्स को घर खरीदने वाले ग्राहक के साथ एग्रीमेंट के समय ही प्रोजेक्ट पूरा होने की निश्चित तारीख और पज़ेशन की तारीख भी बतानी होगी।
2- अगर बिल्डर तय समय पर पज़ेशन नहीं देता है तो उसे एसबीआई के इंट्रेस्ट रेट के हिसाब से दो फीसदी ज़्यादा ब्याज देना होगा।
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3- दरअसल पहले बिल्डर्स लोगों से पैसा इकट्ठा करके अपने साथ ही चल रहे दूसरे प्रोजेक्ट में लगा देते थे, जिसके चलते बिल्डर के दोनों प्रोजेक्ट लटक जाते थे लेकिन इस एक्ट के बाद ऐसा नहीं हो सकेगा। अब बिल्डर को एक ही एकाउंट में ग्राहकों से मिले पैसे रखने होंगे और इसका इस्तेमाल किसी दूसरे प्रोजेक्ट के लिए नहीं किया जा सकेगा।
4- इस एक्ट के मुताबिक 500 स्कॉवर मीटर के या इससे ज़्यादा क्षेत्र में बनने वाली हाउसिंग प्रोजेक्ट पर यह भी यह नियम लागू होगा और हाउसिंग प्रोजेक्ट का रियल एस्टेट अथॉरिटी के पास रजिस्ट्रेशन कराना ज़रुरी होगा। इससे छोटे प्रोजेक्ट भी कानून के दायरे में आ सकेंगे।
5- इस एक्ट में पहले से चल रहे प्रोजेक्ट्स को भी शामिल किया गया है। पहले से चल रहे प्रोजेक्ट्स को भी 90 दिन के अंदर रियल एस्टेट अथॉरिटी के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराना होगा। हालांकि अभी इसमें एक पेच यह है कि राज्यों में लागू हुए नियमों में इन्हें छूट दी गई है। ऐसे में जिन राज्यों में यह नियम नहीं माना गया तो कई ग्राहकों को रेरा का फायदा नहीं मिलेगा।
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6- बता दें कि रेरा की सभी 92 धाराएं देश में 1 मई से लागू हो गई है। हालांकि केवल 13 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने ही अबतक इसके नियम अधिसूचित किए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दादर और नागर हवेली, दमनदीव, लक्षद्वीप आदि शामिल है।
7- केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू के मुताबिक इस एक्ट के तह्त देश की करीब 76 हज़ार से ज़्यादा रियल एस्टेट कंपनियां इस दायरे में आएगीं।
8- इस एक्ट के लागू होने के बाद ग्राहक बिल्डर्स के लिए किंग बनेंगे और बिल्डर्स द्वारा प्रताड़ित नहीं हो पाएंगे।
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9- शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि रियल एस्टेट एक्ट रेरा के लागू होने से बिल्डर और ग्राहक सभी का फायदा होगा और इस क्षेत्र में लोगों का खोया विश्वास फिर से लौटेगा।
10- रेरा एक्ट के अंतर्गत बिल्डर्स ग्राहकों से किए वो सभी वादे पूरा करेंगे जो उन्होंने विज्ञापन के समय या बिक्री करते समय लोगों से किए थे।
इस बिल को बीते संसद सत्र के दौरान ही सदन की मंजूरी मिली थी और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए यह कानून बना था।
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