रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने केंद्र सरकार को 28,000 करोड़ रुपये की सरप्लस राशि देने का फैसला किया है. आरबीआई बोर्ड ने सोमवार को फैसला लिया कि यह राशि सरकार को अंतरिम लाभांश के रूप में दिया जाएगा. रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, 'मौजूदा आर्थिक पूंजीगत ढांचे को लागू किए जाने के बाद और सीमित ऑडिट समीक्षा के आधार पर बोर्ड ने फैसला किया कि केंद्र सरकार को 31 दिसंबर 2018 तक आधे साल के लिए 28,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.'
आरबीआई चालू वित्त वर्ष में अब तक सरकार को 40,000 करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश दे चुकी है. इससे पहले दिन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आरबीआई के अंतरिम लाभांश की सरकार को भुगतान की जाने वाली मात्रा तय करना केंद्रीय बैंक का विशेषाधिकार है.
7 फरवरी को आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा था कि केंद्रीय बैंक द्वारा सरकार को दिए गए सरप्लस और लाभांश के उपयोग के बारे में निर्णय लेना सरकार का विशेषाधिकार है.
दास ने अपनी पहली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अध्यक्षता के बाद कहा था, 'आरबीआई द्वारा सरप्लस या लाभांश का भुगतान आरबीआई अधिनियम का हिस्सा है. यह एक कानूनी प्रावधान है और कानूनी प्रावधान में जो कुछ है, उसके अतिरिक्त हम कुछ नहीं कर रहे हैं.'
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रिजर्व बैंक के सरप्लस राशि का केंद्र सरकार को हस्तांतरण करने के मुद्दे पर तनातनी के कारण ही पिछले आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. सरकार का मानना था कि आरबीआई के पास जरूरत से अधिक सरप्लस है.
Source : News Nation Bureau