महंगे प्याज की वजह से RBI ने लगाई थी ब्याज दर में कटौती पर रोक, पढ़ें पूरी खबर

आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की अगुवाई में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में कटौती का इस साल जो सिलसिला शुरू हुआ उस पर दिसंबर में ही आकर विराम लगा.

आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की अगुवाई में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में कटौती का इस साल जो सिलसिला शुरू हुआ उस पर दिसंबर में ही आकर विराम लगा.

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Dhirendra Kumar
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महंगे प्याज की वजह से RBI ने लगाई थी ब्याज दर में कटौती पर रोक, पढ़ें पूरी खबर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)( Photo Credit : फाइल फोटो)

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की इस महीने के आरंभ में हुई बैठक के मिनट्स हाल ही में जारी हुए हैं जिससे यह जाहिर है कि एमपीसी के सदस्य प्याज के दाम में वृद्धि को लेकर चिंतित थे क्योंकि इसके कारण खुदरा महंगाई में भारी इजाफा हुआ. आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की अगुवाई में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में कटौती का इस साल जो सिलसिला शुरू हुआ उस पर दिसंबर में ही आकर विराम लगा. इस बीच आरबीआई ने रेपो रेट में 135 आधार अंकों की कटौती की.

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सप्लाई घटने से प्याज के दाम बढ़े
गौरतलब है कि देश में प्याज की आपूर्ति का संकट पैदा होने के कारण पिछले कुछ महीने से इसका दाम आसमान पर है. बीते सप्ताह फिर प्याज का खुदरा भाव देश की राजधानी दिल्ली में 140 रुपये प्रति किलो के करीब चला गया. आरबीआई गवर्नर दास ने एमपीसी में कहा कि देश के कई हिस्सों में बेमौसम बरसात के कारण खरीफ सीजन की फसल खराब हो जाने के कारण सब्जियों के दाम, खासतौर से प्याज के भाव में काफी उछाल आया जिससे महंगाई दर में सितंबर के दौरान काफी वृद्धि हुई और यह सिलसिला अक्टूबर में भी जारी रहा.

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महंगाई में वृद्धि को लेकर एमपीसी के सदस्य चेतन घाटे ने कहा कि बीते तीन साल के दौरान इतनी बड़ी तेजी नहीं देखी गई और इसके फलस्वरूप आर्थिक विकास के मौजूदा दौर में आर्थिक नीति की अनिश्चितता भी बढ़ सकती है. एमपीसी ने समायोजी रुख को तब तक कायम रखने का फैसला लिया जब तक आर्थिक विकास दोबारा पटरी पर न आए और महंगाई दर लक्ष्य के अधीन न बनी रहे. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर को चार फीसदी के दायरे में रखने के लक्ष्य को हासिल करने के मकसद से प्रमुख ब्याज दर में स्थिरता बनाए रखने का फैसला लिया गया.

Source : IANS

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