कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने कि लिए आरबीआई ने एक अंतर-अनुशासनात्मक स्थायी समिति बनाई है। ये समिती डिजीटल लेनदेन के मद्धेनज़र साइबर सुरक्षा पर काम करेगी।
आरबीाई ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि 11 सदस्यीय समिती समय-समय पर साइबर सुरक्षा को और मज़बूत बनाने के उपायों का अध्य्यन करेगी।
इसके अलावा ये समिती सभी बैंको को साइबर सुरक्षा से संबंधित सुझाव भी देगी, जिससे ग्राहकों को ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन के दौरान किसी तरह की मुसीबत का सामना न करना पड़े।
इससे पहले आरबीआई ने बैंकों से ग्राहकों को ओटीपी सुविधा से लैस करने के लिए कहा था, लेकिन अब इसके लिए बैंकों को जिम्मेदार बनाया जाएगा। ग्राहक के मोबाइल नंबर या ई-मेल को प्रतिमाह अपडेट किया जाएगा, जिसकी पूरी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
ये भी पढ़ें- अंतर्राष्ट्रीय संकेतों से सतर्क शेयर बाज़ार, सेंसेक्स निफ्टी में सीमित दायरे के बीच कारोबार
इसके अलावा मीना हेमचंद्र (एक्सयुटिव डायरेक्टर, आरबीआई) की अध्यक्षता में एक एक्सपर्ट टीम बनाई जायेगी, जिसका काम होगा कि वो स्पेशल केस का निरीक्षण करे और उसे सुलझाए।
बता दें इससे पहले डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए आरबीआई डेबिट-क्रेडिट कार्ड से खरीद में वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) अनिवार्य करने को लेकर कह चुका है।
आरबीआई समीक्षा समिति के मुताबिक ग्राहकों को विभिन्न माध्यमों से प्रतिमाह सावधान किए जाने और डेबिट-क्रेडिट कार्ड के लिए ओटीपी को अनिवार्य करना है।
ऐसे में ये माना जा रहा है कि इस समिती के बनाए जाने से कैशलेस इकॉनमी को और भी बल मिलेगा।
ये भी पढ़ें- एसबीआई समेत नौ सरकारी बैंकों में आज हड़ताल, निजी बैंकों में होगा काम-काज
Source : News Nation Bureau