भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने शुक्रवार को कहा कि राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि किसी प्रकार की फिसलन से महंगाई पर असर होगा और निजी क्षेत्र के लिए निवेश की गुंजाइश कम पड़ जाएगी. साथ ही, बाजार में अस्थिरता बढ़ जाएगी. मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए पटेल ने कहा, 'राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बनाए रखना महज किसी एक कारण के लिए जरूरी नहीं है, बल्कि यह आगे निजी क्षेत्र के लिए निवेश की गुंजाइश कम होने का खतरा कम करने के लिए आवश्यक है क्योंकि केंद्र और सरकार की उधारी को मिलाकर बड़ी रकम हो जाती है.'
पटेल ने एक सवाल के जवाब में राजकोषीय घाटे को लेकर अपनी चिंता जाहिर की. उनसे पूछा गया था कि सरकार द्वारा गुरुवार को तेल पर उत्पाद कर में की गई कटौती जैसे लोकलुभावन कदमों से वित्तीय स्थायित्व, चालू खाते का घाटा और महंगाई पर क्या असर होगा.
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केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, 'वित्तीय फिसलन चाहे केंद्र सरकार या राज्य सरकार के स्तर पर हो, उससे महंगाई की संभावना पर असर होगा, बाजार में अस्थिरता बढ़गी और निजी क्षेत्र के लिए निवेश की गुंजाइश कम होगी.'
Source : IANS