Advertisment

RBI Monetary Policy: कम नहीं होगा आपके लोन की EMI का बोझ, आरबीआई ने नहीं किया रेपो रेट में बदलाव

RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ने लगातार दसवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया. बुधवार को आरबीआई गवर्नर ने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की तीन दिवसीय बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी.

author-image
Suhel Khan
New Update
Shaktikanta Das RBI Governor

Shaktikanta Das, RBI Governor (RBI/Youtube)

Advertisment

RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया, ये लगातार दसवीं बार जब केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर कायम रखा है. बता दें कि इससे पहले मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीन दिवसीय बैठक सोमवार (7 अक्टूबर) को शुरू हुई. इसके बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी दी.

जिसमें उन्होंने बताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है और ये 6.5 फीसदी बनी रहेगी. बता दें कि रेपो रेट वो दर होती है, जिस पर केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई अन्य बैंकों को कर्ज देता है. रिजर्व बैंक जब रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है तो बैंकों को महंगी दरों पर आरबीआई से कर्ज मिलता है. जिसका असर आम कर्जदातों पर पड़ता है.

ये भी पढ़ें: जश्न का माहौल! करोड़ों महिलाओं को मिला दिवाली का तोहफा, प्रति खाते में क्रेडिट होंगे 3000 रुपए, सरकार की बड़ी घोषणा

लगातार 10वीं बार नहीं बदला रेपो रेट

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार सुबह 10 बजे मॉनेटरी पॉलिसी के नतीजे पेश किए. मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने के फैसला लिया गया. बता दें कि केंद्रीय बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी का फैसला एक्सपर्ट्स के अनुमान के मुताबिक है, क्योंकि एक्सपर्ट्स ने पहले ही अक्टूबर की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में रेपो दरों में किसी भी तरह के बदलाव की उम्मीद जताई थी. इस तरह से ये लगातार 10वीं बार है जब केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है.

ये भी पढ़ें: PM मोदी आज महाराष्ट्र को 7600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का देंगे तोहफा, 10 मेडिकल कॉलेज का भी करेंगे उद्घाटन

मुद्रास्फ्रीति पर RBI की नजर

बता दें कि अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने पिछले महीने इंटरेस्ट रेट में 50 आधार अंकों की कटौती की थी. इससे भारत समेत अन्य देशों में भी इंटरेस्ट रेट में कटौती की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन, रिजर्व बैंक ने अगस्त में अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में यह साफ किया था कि इंटरेस्ट रेट में कटौती का उसका फैसला घरेलू इकोनॉमी की स्थितियों पर निर्भर करेगा. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने पिछले कई महीनों से रिटेल इनफ्लेशन को रोकने पर फोकस किया है. इसका परिणाम भी देखने को मिला है. जिससे रिटेल इनफ्लेशन आरबीआई के 4 प्रतिशत के टारगेट पर आ गया है.

ये भी पढ़ें: Weather Update: इन राज्यों में आज फिर भारी बारिश का अलर्ट, जानें दिल्ली के मौसम का हाल

आरबीआई की इकोनॉमी ग्रोथ पर भी नजर

वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रिजर्व बैंक के अनुमान से कम रही. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक तरफ आरबीआई पर रिटेल इनफ्लेशन को काबू करने का दबाव है तो वहीं दूसरी ओर आर्थिक वृद्धि दर को बनाए रखने की भी चिंता है. भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले कई साल से दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी रही है. कोविड महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में जबरदस्त तेजी आई है. जिसके पीछे भी आरबीआई का ही हाथ माना जाता रहा है. 

RBI Repo Rate RBI RBI Governor RBI Monetary Policy Repo Rate shaktikanta Das
Advertisment
Advertisment
Advertisment