नोटबंदी के बाद बाजार की नजर अगले हफ्ते आरबीआई की समीक्षा बैठक पर होगी। नोटबंदी के फैसले के बाद यह आरबीआई की पहली बैठक होगी। जिस पर निवेशकों की निगाहें चौकस रहेंगी। बाजार को उम्मीद है कि आरबीआई ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।
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जीडीपी आंकड़ों के सामने आने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की समीक्षा बैठक, वैश्विक बाजारों के रुझान, एफपीआई और डीआईआई के निवेश, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर बाजार की नजर बनी रहेगी। नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा हुई करीब 9 लाख करोड़ रुपये की रकम के बाद आरबीआई की तरफ से ब्याज दरों में कटौती किए जाने की उम्मीद बढ़ी है।
नोटबंदी के बाद आर्थिक वृद्धि में कमी आने की आशंका को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। सिटी ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक अगले हफ्ते होने वाली समीक्षा बैठक में आरबीआई ब्याज दरों में चौथाई प्रतिशत की कटौती कर सकता है। रिजर्व बैंक की अगली समीक्षा बैठक 7 दिसंबर को होगी।
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रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष 2016-17 में भारत के जीडीपी में गिरावट आने की आशंका है और यह कम होकर 7 फीसदी के नीचे जा सकती है। नोटबंदी के बाद जहां कई रेटिंग एजेंसियां 2016-17 के लिए भारत के जीडीपी अनुमान में कटौती कर चुकी है।
हाल ही में फिच ने भारत के जीडीपी अनुमान में कटौती की है। मॉर्गन स्टैनली और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के बाद रेटिंग एजेंसी फिच ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। फिच ने इससे पहले वित्त वर्ष 2016 के लिए 7.4 फीसदी जीडीपी का अनुमान जाहिर किया था।
Source : News Nation Bureau