बैंकों और इंडस्ट्री की उम्मीदों के बावजूद 8 फरवरी की बैठक में RBI नहीं करेगा ब्याज दरों में कोई बदलाव
नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा हुई पर्याप्त नकदी और तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के बाद महंगाई में होने वाली संभावित बढ़ोतरी को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की बैठक में ब्याज दरों में बदलाव किए जाने की कम ही संभावना है।
highlights
- नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा हुई पर्याप्त नकदी और तेल की बढ़ी कीमतों के बाद ब्याज दरों में नहीं होगा बदलाव
- ब्याज दरों को लेकर आरबीआई की बैठक अगले हफ्ते बुधवार को होने जा रही है
New Delhi:
नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा हुई पर्याप्त नकदी और तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के बाद महंगाई में होने वाली संभावित बढ़ोतरी को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की बैठक में ब्याज दरों में बदलाव किए जाने की कम ही संभावना है।
ब्याज दरों को लेकर आरबीआई की बैठक अगले हफ्ते बुधवार को होने जा रही है। हालांकि लगातार तीसरे महीने सर्विस सेक्टर में आई गिरावट के बाद ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है।
नोटबंदी के बाद बैंकों के पास पर्याप्त नकदी जमा हुई है। इसकी वजह से बैंक पिछले महीने कर्ज दरों में 1 फीसदी तक की कटौती कर चुके हैं। हालांकि बैंक और इंडस्ट्री लगातार रीपो रेट में कटौती की मांग कर रहे हैं लेकिन उर्जित पटेल की अगुवाई वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी 8 फरवरी को होने वाली बैठक में ब्याज दरों को लेकर सतर्क रुख अपना सकते हैं।
कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी और डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद शुरु की गई संरक्षणवादी नीतियों की वजह से आरबीई ब्याज दरों को पहले के स्तर पर बनाए रख सकता है।
कच्चे तेल की कीमतें प्रति बैरल 56.8 डॉलर हो चुकी है और इससे भारत समेत अन्य देशों के आयात बिल पर बुरा असर पड़ेगा। बंधन बैंक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर चंद्र शेकर घोष ने कहा फंड की उपलब्धता की वजह से बैंकों की तरफ से ब्याज दरों में कटौती किए जाने की उम्मीद कम ही है।
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की सिफारिशों के आधार पर यह आरबीआई की तीसरी बैठक होगी। पटेल ने पहली नीतिगत बैठक में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करते हुए इसे घटाकर 6.25 फीसद कर दिया था। वहीं दिसंबर महीने की बैठक में दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। जनवरी 2015 के बाद से आरबीआई ब्याज दरों में 1.75 फीसदी की कटौती कर चुका है।
वहीं फिक्की के मुताबिक भी आरबीआई की तरफ से ब्याज दरों में कटौती किए जाने की संभावना न के बराबर है। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने 2021 तक के लिए खुदरा महंगाई दर को 4 फीसदी (+-2 फीसदी) रखे जाने का लक्ष्य तय किया है। दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर 5.61 फीसदी रही है। इस आधार पर आरबीआई के लिए ब्याज दरों में कटौती करना मुश्किल है।
आरबीआई खुदरा महंगाई दर के आधार पर ब्याज दरों को तय करता है।
हालांकि बैंक आऱबीआई से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कार्यकारी निदेशक आर के गुप्ता ने कहा, 'हम आरबीआई से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद करते हैं।'
और पढ़ें: ऐपल को पीछे छोड़ गूगल बना 2017 का सबसे मूल्यवान ब्रैंड
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
-
Arti Singh Wedding: आरती की शादी में पहुंचे गोविंदा, मामा के आने पर भावुक हुए कृष्णा अभिषेक, कही ये बातें
-
Lok Sabha Election 2024: एक्ट्रेस नेहा शर्मा ने बिहार में दिया अपना मतदान, पिता के लिए जनता से मांगा वोट
धर्म-कर्म
-
Vaishakh month 2024 Festivals: शुरू हो गया है वैशाख माह 2024, जानें मई के महीने में आने वाले व्रत त्योहार
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर बनेगा गजकेसरी योग, देवी लक्ष्मी इन राशियों पर बरसाएंगी अपनी कृपा
-
Pseudoscience: आभा पढ़ने की विद्या क्या है, देखते ही बता देते हैं उसका अच्छा और बुरा वक्त
-
Eye Twitching: अगर आंख का ये हिस्सा फड़क रहा है तो जरूर मिलेगा आर्थिक लाभ