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नोटबंदी के फैसले के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बुधवार को पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक हुई। जिसमें ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे पहले उम्मीद जताई जा रही थी की ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की जा सकती है।
आरबीआई ने रेपो रेट 6.25% पर बरकरार रखा है। केंद्रीय बैंक ने EMI में भी कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने देश की जीडीपी का अनुमान 7.6 से घटाकर 7.1 कर दिया है।
इसके साथ ही रिपरचेज रेट या अल्पकालिक ब्याज दरों में भी केंद्रीय बैंक ने कोई बदलाव नहीं किया है और यह 6.25 फीसदी ही रहेगी। वहीं, रिवर्स रेपो रेट की दर 5.75 फीसदी यथावत रहेगी।
Decided to keep the policy repo rate under the liquidity adjustment facility (LAF) unchanged at 6.25%: RBI
— ANI (@ANI_news) December 7, 2016
आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा, 'सातवें वेतन आयोग के लिए जो अतिरिक्त पैसा दिया गया उसका कोई असर मुद्रास्फीति पर नहीं पड़ा है।'
Salary rise under the 7th pay commission has not been disruptive for inflation: RBI Governor Urjit Patel
— ANI (@ANI_news) December 7, 2016
केंद्रीय बैंक ने कहा कि नोटबंदी के बाद 11 लाख 55 हजार करोड़ रुपये बैंकों ने वापस लिए हैं। नोटबंदी का फैसला जल्दबादी में नहीं लिया गया है।
रिजर्व बैंक ने कहा, '10 नवंबर से 5 दिसंबर के दौरान RBI ने लोगों को 4 लाख करोड़ रुपये के नोट की आपूर्ति की।'