भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ऐसे 12 खातों की पहचान की है, जिस पर 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और इन खातों पर दी गई कर्ज की राशि बैंकों के कुल एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) का करीब 25 फीसदी है।
आरबीआई ने बैंकों को इस मामले में कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं।
देश के बैंकों का कुल 8 लाख करोड़ रुपया एनपीए में तब्दील हो चुका है, जिसमें से 6 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का है। सीधे शब्दों में समझा जाए तो इसमें से 2 लाख करोड़ रुपये की रकम की देनदारी महज 12 खातों पर है।
आरबीआई और संबंधित बैंक मिलकर एनपीए की समस्या के समाधान के लिए शीर्ष 40 डिफाल्टरों की सूची बनाने में लगा हुआ है, जिसमें से 12 खातों की पहचान कर ली गई है।इससे पहले सरकार ने एक अध्यादेश लाकर केंद्रीय बैंक को कर्ज वसूली के संबंध में और अधिक अधिकार दिए थे।
आरबीआई को यह अधिकार दिया गया है कि वह कर्जदारों से कर्ज वसूली के लिए दीवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करे।
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नए नियम के मुताबिक आरबीआई अब इन खाताधारकों को दीवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। आरबीआई ने हालांकि इन खाताधारकों का नाम नहीं बताया है। देश के बैंकिंग सेक्टर के लिए एनपीए बड़ी समस्या बना हुआ है।
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HIGHLIGHTS
- 12 खातों पर है बैंकों के कुल NPA के 25 फीसदी हिस्से की देनदारी, 8 लाख करोड़ रुपये हैं बैंकों का कुल NPA
- देश के बैंकों का कुल 8 लाख करोड़ रुपया एनपीए में तब्दील हो चुका है, जिसमें से 6 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का है
Source : News Nation Bureau