क्रिप्टो एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि आरबीआई अगले साल एक ब्लॉक चेन आधारित डिजिटल मुद्रा लॉन्च करेगा। सरकार ने डिजिटल संपत्तियों पर कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा है।
सीतारमण ने बैठक के बाद कहा, आरबीआई और मंत्रालय के साथ, न केवल क्रिप्टो करेंसी पर बल्कि हर दूसरी चीज पर भी, मुझे लगता है कि पूरी तरह से सामंजस्य है, जिसके साथ हम काम कर रहे हैं। एक-दूसरे के डोमेन का सम्मान करते हुए हम यह भी जानते हैं कि हमें एक-दूसरे की प्राथमिकताओं के साथ क्या करना है और राष्ट्र हित में क्या करना है। यहां कोई टर्फि ग (अधिकार-क्षेत्र) नहीं है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम इस मुद्दे को लेकर गंभीर है और यही कारण है कि हर बिंदु पर हम केंद्र सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं। दास ने कहा कि इसके अलावा मुझे लगता है कि मैं इस मुद्दे को लेकर और अधिक विस्तार नहीं करना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास इससे संबंधित जो भी बिंदु हैं, हमने सरकार के साथ उनको लेकर गहन चर्चा की है।
आरबीआई गवर्नर दास ने कुछ दिन पहले क्रिप्टो निवेशकों को सावधान करते हुए स्पष्ट किया था कि वह अपने जोखिम पर ही क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा था, यह मेरा कर्तव्य है कि मैं उन निवेशकों को बताऊं, जो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं, कि यह ध्यान रखें कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं और यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि क्रिप्टो करेंसी का कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, हां, जिस मुद्दे पर वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर के बीच अन्य मुद्दों के साथ चर्चा हुई उनमें से किसी पर भी विचारों में कोई अंतर नहीं है।
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Source : IANS