New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2016/11/28/81-Indu.jpg)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
नोटबंदी के प्रतिकूल असर को देखते हुए मॉर्गन स्टैनली ने भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कटौती कर दी है।
नोटबंदी के फैसले के बाद रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टैनली और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने 2016 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 7.7 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया है। नोटबंदी के फैसले के कारण देश के इकनॉमी की रफ्तार पर उल्टा असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
रेटिंग में हुई कटौती की वजह नोटबंदी के बाद कारोबार में आने वाली संभावित मंदी हो सकती है। नोटबंदी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में बयान देते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के 500 और 1000 रुपये के नोटों को बैन किए जाने के बाद देश की जीडीपी में 2 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
मॉर्गन स्टैनली ने वर्ष 2018 में देश की ग्रोथ रेट के अनुमान को भी 7.8 फीसदी से कम कर 7.6 फीसदी कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद किए जाने के बाद से देशभर में छोटे उद्योग, बाजार, मंडी, असंगठित क्षेत्र और छोटी कंपनियों में काम प्रभावित हुआ है।
500 और 1000 रुपये के नोटों की देश में कुल प्रचलित मुद्रा में 86 फीसदी की हिस्सेदारी है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपने इंडियन एक्सपर्ट इंद्रनील सेन गुप्ता की रिपोर्ट के बाद भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'वित्त वर्ष 2017 में हम भारत के जीडीपी ग्रोथ में 30 बेसिस पॉइंट्स की कमी का अनुमान लगा रहे हैं। नोटबंदी के चलते दिसंबर में भी भारत के कारोबार प्रभावित होंगे। वर्ष 2018 में हमारा अनुमान है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी की बजाय 7.6 फीसदी तक ही सीमित रहेगी।'
HIGHLIGHTS
Source : News Nation Bureau