साइरस मिस्त्री को कंपनी के निदेशक पद से हटाए जाने के लिए चली कार्रवाई के पूरे हो जाने के बाद रतन टाटा ने अपनी चुप्पी तोड़ी। टाटा ने मिस्त्री पर अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान लगाने का आरोप लगाया। बीते दो महीनों पर अपनी प्रतिष्ठा पर उठे सवालों पर रतन टाटा ने जवाब देते हुए भावुक हो उठें। टाटा ने अपने ऊपर लगे आरोपो को पूरी चरह से निराधार और तकलीफदेह बताया।
टाटा केमिकल्स के शेयर होल्डर्स की जनरल मीटिंग में टाटा ने कहा, 'पिछले दो महीनों के दौरान मेरी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और टाट ग्रुप की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हुई।लेकिन अंत में सत्य की ही विजय होगी। फिर इस तक पहुंचने का रास्ता भले ही कितना कष्टदायक क्यों न हो। '
टाटा केमिकल्स की ईजीएम मिस्त्री और स्वतंत्र निदेशक नुस्ली वाडिया को बोर्ड से बाहर करने के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए बुलाई गई थी। इसके साथ ही दिग्गज उद्योगपति ने मुश्किल समय में उनके साथ बने रहने के लिए शेयरधारकों का शुक्रिया अदा किया।