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रेलवे का पहली छमाही में सबसे सुरक्षित प्रदर्शन, वित्तीय संकट बरकरार

अप्रैल 2019 से नवंबर 2019 के बीच मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों की समयबद्धता दर में सुधार हुआ है.

Updated on: 31 Dec 2019, 11:33 AM

highlights

  • भारतीय रेलवे ने इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में सबसे सुरक्षित प्रदर्शन दर्ज किया है.
  • राष्ट्रीय वाहक को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन के कारण वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है.
  • अप्रैल 2019 से नवंबर 2019 के बीच मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों की समयबद्धता दर में सुधार हुआ है.

नई दिल्ली:

रेलवे बोर्ड (Railway Board) के चेयरमैन वी.के. यादव (Railway Board Chairman V.K. Yadav) ने सोमवार को कहा कि भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने इस वित्तीय वर्ष (Current Financial Year) के पहले छह महीनों में सबसे सुरक्षित प्रदर्शन दर्ज किया है, जिसमें किसी यात्री की मौत नहीं हुई है, लेकिन राष्ट्रीय वाहक को सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के क्रियान्वयन के कारण वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है. मीडियाकर्मियों से यहां बातचीत करते हुए चेयरमैन ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, रेलवे ने रेल पटरियों और उसके कोचों के अपग्रेडेशन के साथ कई काम किए और इसके परिणामस्वरूप अप्रैल 2019 से नवंबर 2019 तक इस वित्तवर्ष में कोई मौत नहीं हुई.

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उन्होंने यह भी कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के मेगा योजना के हिस्से के रूप में रेलवे ने अप्रैल 2019 से नवंबर 2019 के बीच 904 स्थानों पर मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को समाप्त कर दिया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 296 की तुलना में 200 फीसदी अधिक है.

उन्होंने यह भी कहा कि इस अवधि के दौरान देशभर में 3560 किमी पटरियों का नवीनीकरण हुआ और 861 पुलों की भी जीर्णोद्धार किया गया.

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उन्होंने कहा कि इन कदमों से अप्रैल 2019 से नवंबर 2019 के बीच मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों की समयबद्धता दर में सुधार हुआ है और यह 76.67 फीसदी हुई, जो बीते साल इसी अवधि के दौरान 68 फीसदी रही.