केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के बाद अब स्थिर हैं।
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में रविवार को तमिलनाडु मर्के टाइल बैंक (टीएमबी) के शताब्दी समारोह में सीतारमण ने कहा कि 2014 से पहले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे थे।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारी गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) से लदे थे, जो स्वयं बैंकिंग क्षेत्र के भविष्य के लिए एक गंभीर चिंता का विषय था।
सीतारमण ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र की समस्या से पूरी आर्थिक गतिविधि प्रभावित होगी।
उनके अनुसार, सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अतिरिक्त पूंजी डाली।
उन्होंने कहा कि तब त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई की गई थी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अब पटरी पर आ गए हैं।
सीतारमण ने कहा कि जब बैंकिंग क्षेत्र उथल-पुथल में था, तब भी टीएमबी अपना कारोबार कुशलता से कर रहा था।
उन्होंने टीएमबी की सराहना करते हुए कहा कि इसे 1921 में नादर सामुदायिक बैंक के रूप में शुरू किया गया था और अब इसे सार्वभौमिक स्वीकृति मिली है और आगे का रास्ता डिजिटलीकरण है।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी संबंधी समाधान कई अन्य समस्याओं को दूर करते हैं और यहां तक कि बिना शाखा के भी अब डिजिटलीकरण के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं की पेशकश की जा सकती है।
टीएमबी के 41,000 करोड़ रुपये के जमा आधार और 32,000 करोड़ रुपये के अग्रिम पोर्टफोलियो का उल्लेख करते हुए सीतारमण ने कहा, यदि तेजी के साथ आप अधिक व्यवसायों के लिए धन का उपयोग कर रहे हैं और यदि इसे आप पूर्ण रूप से अपनाते हैं तो प्रौद्योगिकी से संबंधित समाधान अधिक कुशलता से होना संभव है।
उनके अनुसार, वित्तीय प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कोई भी डेटा को पार कर सकता है और कोई क्रेडिट रेटिंग का आकलन कर सकता है जो केवल डिजिटलीकरण के साथ ही संभव है।
टीएमबी के एमडी और सीईओ केवी राममूर्ति के अनुसार, शताब्दी समारोह के एक हिस्से के रूप में बैंक एक विशेष डाक टिकट और डाक कार्ड जारी करने के साथ कई पहल शुरू कर रहा है।
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Source : IANS