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सभी पूंजी समान नहीं है: निवेशक और संस्थापक के संबंध के कई आयाम

सभी पूंजी समान नहीं है: निवेशक और संस्थापक के संबंध के कई आयाम

Updated on: 29 Jun 2022, 04:15 PM

नयी दिल्ली:

निवेशकों और संस्थापकों की सार्वजनिक तूतू-मैंमैं ने 2022 में इनके आपसी संबंधों को खराब कर दिया है। मई में हुआ एम्स्टर्डम स्थित निवेशक ग्रेगली ओरोस और इनवैक्ट के सीईओ मनीष माहेश्वरी का मामला हो या ट्रेल का मसला, हर जगह सार्वजनिक विवाद सुर्खियों में रहे। ट्रेल के संस्थापकों ने दावा किया कि निवेशक उन्हें परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। जि़लिंगो और भारतपे के विवाद भी सार्वजनिक हुए हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि संस्थापक-निवेशक के समीकरण को कौन सी बात एकजुट करती है?

वेंचर कैपिटलिस्ट (वीसी) की क्या भूमिका होती है? निवेश करने के लिए सही स्टार्टअप ढूंढ़ना, उसके विकास के सफर पर जाना और सीमित भागीदारों के लिए भारी रिटर्न बनाना? सिर्फ इतना ही जरुरी नहीं। वीसी समुदाय को अक्सर गलत तरीके से गिद्ध (वल्चर) पूंजीपति करार दिया जाता है; कई लोग आलोचना करते हैं कि वीसी की मुख्य रणनीति कई उपक्रमों में निवेश करना होता है, ताकि उनमें से कम से कम एक उन्हें भरपूर कमाई दे।

अनुभवी निवेशक जानते हैं कि यह तथ्य सच्चाई के करीब नहीं है। यह सिर्फ सही दांव लगाने से कहीं ज्यादा है। यह सफल होने तक उनका लगातार समर्थन करते रहने के बारे में है।

संस्थापक-निवेशक की सफलता की कहानियों में से एक कहानी है एनआईयूएम के सह-संस्थापक प्रजीत नानू की। साल 2020 में नानू और उनके निवेशक,वर्टेक्स वेंचर्स दक्षिण पूर्व एशिया (वीवीएसईएआई) सिंगापुर में डिजिटल बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने के एनआईयूएम के इरादों पर विचार कर रहे थे।

वीवीएसईएआई चाहता था कि नानू अपने वैश्विक बी2बी भुगतान व्यवसाय पर अधिक ध्यान देने के लिए लाइसेंस पर विचार करना छोड़ दें। यह एक रचनात्मक असहमति थी। नानू ने अपने हथियार डाल दिए और वह अब इसे एक परिवर्तनकारी निर्णय के रूप में बताते हैं। उन्होंने कहा कि इसके कारण एनआईयूएम मनी मूवमेंट में एक वैश्विक नाम के रूप में उभरा।

ओपन मनी की दुनिया बनाने का नानू का आइडिया सबसे पहले इंस्टारेम के साथ शुरू हुआ (जब उन्होंने निर्बाध, तेज और लागत प्रभावी डिजिटल प्रेषण विकल्पों के माध्यम से उपभोक्ताओं की मांगों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया)।

केवल चार वर्षों के भीतर एनआईयूएम का जन्म हुआ, क्योंकि उन्होंने महसूस किया कि व्यवसायों को धीमे, महंगे/डिस्कनेक्टेड क्रॉस-बॉर्डर भुगतान के संबंध में आम लोगों के समान मुद्दों का सामना करना पड़ता है।

नानू अक्सर तीन प्रमुख क्षेत्रों के बारे में बात करते है, जिसमें निवेशक मूल्य संवर्धन कर सकते हैं:

संस्थापक की धारणाओं को भेदकर निवेशक बेहतरी के लिए व्यावसायिक रणनीतियों को आकार देते हैं, विशेष रूप से उन नए-नए संस्थापकों के लिए, जिन्हें अपने बाजार की गहन समझ नहीं होती है।

प्रारंभिक चरण में, अगर आप चाहते हैं कि आपका निवेशक आपको चुनौती दे, लेकिन आपका रास्ता अवरुद्ध न करे। ऐसे में संस्थापकों का समर्थन करें जब वे खुद ही केंद्र बिंदु हों .. असहमत हों, अगर उनका आइडिया क्रेजी है, लेकिन उनकी महत्वाकांक्षाओं का मजाक न उड़ाएं। निवेशक और संस्थापक के बीच कुछ खींचतान वास्तव में फायदेमंद होती है, बशर्ते कि आलोचना संस्थापक के विजन को पूरा करने के लक्ष्य के साथ की जा रही हो।

न केवल जीत का जश्न मनाने के लिए, बल्कि बुरे समय में संस्थापकों के साथ बैठना भी उत्साहजनक है।

यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण अहसास लाता है और प्रत्येक संस्थापक को यह पता होना चाहिए कि सभी पूंजी समान नहीं है।

कई पहली बार के संस्थापक अन्य निवेशकों द्वारा पेश किए गए पूरे पैकेज पर विचार किए बिना, उन निवेशकों द्वारा बहकाए जाने की गलती करते हैं, जो उन्हें उच्चतम मूल्यांकन देते हैं। यह एक गंभीर गलती हो सकती है।

इसी तरह, निवेशकों के लिए, संस्थापकों के विचारों को चुनौती देना और फिर भी उनकी महत्वाकांक्षाओं की अवहेलना या अनादर न करना एक उत्कृष्ट निवेशक की पहचान है।

लब्बोलुआब यह है कि संस्थापक उन निवेशकों की सराहना करते हैं जो कठिन बातचीत शुरू करने से डरते नहीं हैं।

जैसे प्रजीत नानू करते हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.