केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने दिल्ली में ईंधन की कीमतों के रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंचने के अगले दिन पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में लाने की अपील की, ताकि उपभोक्ताओं को मूल्य निर्धारण का लाभ मिल सके। यहां एक दिन पहले यूरो-6 ग्रेड के पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति भी शुरू की गई है।
दिल्ली में यूरो-4 ग्रेड की जगह पर यूरो-6 ईंधन को लांच करने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधान ने याद करते हुए कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार ने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए उत्पाद शुल्क में कटौती की थी और कुछ राज्यों ने भी इसका अनुसरण करते हुए स्थानीय करों में कटौती की थी।
प्रधान ने कहा कि कीमतों में डायनेमिक आधार पर रोज बदलाव हो रहा है।
उन्होंने कहा, 'ईंधन की कीमतों को लेकर हमारे पास छुपाने को कुछ नहीं है। पेट्रोल, डीजल अंतर्राष्ट्रीय उत्पाद है और जैसे ही इनकी कीमतें बढ़ती या घटती है हम ग्राहकों के लिए उसी हिसाब से कीमतों को बढ़ा-घटा देते हैं।'
उन्होंने कहा, 'भारत एक उपभोक्ता संवेदनशील देश है और सरकार ने पिछले साल उत्पाद शुल्क में कटौती की थी.. कुछ राज्यों ने भी ईंधन पर वैट में कटौती की थी, इसलिए राज्यों को एक बार फिर से कटौती करना चाहिए।'
मंत्री ने कहा कि राज्य नहीं चाहते हैं कि पेट्रोलियम पदार्थो को नए अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत लाया जाए।
उन्होंने कहा, 'मैं एक बार फिर से जीएसटी परिषद से पेट्रोलियम को जीएसटी के तहत लाने की अपील करता हूं, ताकि ग्राहकों को फायदा हो।'
दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 73.83 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल की कीमत 64.69 रुपये प्रति लीटर थी, जबकि नोएडा और गाजियाबाद में 75 रुपये।
आपको बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम पिछले चार सालों के मोदी सरकार के कार्यकाल में सबसे उच्चतम स्तर पर चला गया है वहीं डीजल के दाम अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर है।
देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के बाद पीएनजी-सीएनजी के दाम भी बढ़ने जा रहे है। दिल्ली और एनसीआर के लोगोंवासियो पर महंगाई की दोहरी मार पड़ी है।
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Source : News in Hindi