अंतराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी एसएंडपी का कहना है कि सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने के कारण भारत में 1-17 मई के दौरान बिजली मांग उम्मीद से अधिक बढ़कर करीब 196 गीगावाट हो गई।
एसएंडपी ने कहा कि महीने के शुरूआती दो हफ्तों के दौरान तापमान वार्षिक आधार पर दो डिग्री अधिक दर्ज किया गया। दिल्ली जैसे कुछ इलाकों में इस दौरान तापमान चार डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अप्रैल जैसे मौसम की मार मई में भी रही। अप्रैल में तापमान के बढ़ने के कारण बिजली की मांग सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर औसतन 194 गीगावाट पहुंच गई थी।
एसएंडपी ने आगे मौसम के सामान्य रहने का अनुमान जताया जिससे बिजली मांग मई से सितंबर के बीच औसतन 182 गीगावाट रह सकती है। यह वार्षिक आधार पर 10 गीगावाट की बढ़ोतरी है।
मई 2021 में कई सप्ताह तक लॉकडाउन रहा था, जिससे बिजली की मांग सीमित रही थी।
बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत मानसून सीजन से पहले अप्रैल-मई में 11 से 13 मिलियन मीट्रिक टन कोयले का आयात कर सकता है। इस साल गर्मी के मौसम में कोयले का आयात सितंबर तक प्रतिमाह औसतन 14 मिलियन टन रह सकता है।
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Source : IANS