logo-image

बड़े मेकओवर की तैयारी में मोदी सरकार, 2030 तक पेट्रोल-डीज़ल की जगह सड़क पर दौड़ेंगी सिर्फ ई-कारें

साल 2030 तक सरकार पेट्रोल-डीज़ल की जगह सड़कों पर सिर्फ ई-कारें चलाने की बड़ी योजना पर काम कर रही है। सरकार यह कदम बढ़ते तेल ख़र्च और कार कीमतों की बेहताशा वृद्धि को देखते हुए इस योजना पर काम कर रही है।

Updated on: 29 Apr 2017, 02:43 PM

नई दिल्ली:

साल 2030 तक सरकार पेट्रोल-डीज़ल की जगह सड़कों पर सिर्फ ई-कारें चलाने की बड़ी योजना पर काम कर रही है। सरकार यह कदम बढ़ते तेल ख़र्च और कार कीमतों की बेहताशा वृद्धि को देखते हुए इस योजना पर काम कर रही है।

यह बात ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने सीआईआई की सालाना बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा, 'हम एक बहुत बड़े तरीके से विद्युत वाहनों को पेश करने जा रहे हैं। हम उजाला की तरह बिजली के वाहनों को आत्मनिर्भर बनाने जा रहे हैं। विचार यह है कि 2030 तक, देश में एक भी पेट्रोल या डीजल कार नहीं बेची जानी चाहिए'

पीयूष गोयल का मानना है कि शुरू में सरकार 2-3 वर्षों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को हब बना कर इसे स्थिर करने में मदद कर सकती है। 

अभिनेत्री गुल पनाग बनी फॉर्मूला ई-कार रेसिंग में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला

मारुति का उदाहरण देते हुए, उन्होंने कहा कि सरकार ने शुरू में भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी का समर्थन किया था, जिसके परिणामस्वरूप देश में बड़े मोटर वाहन उद्योग का विकास हुआ।

बता दें कि हाल ही मारूति ने 30% से अधिक मुनाफा अर्जित किया है। 

इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए भी कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय और नीति आयोग ई-व्हीकल्स को प्रमोट करने की दिशा में काम कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि लोग कम कीमत की इलेक्ट्रिक कारें खरीदना पसंद करेंगे क्योंकि यह उनके बजट के अंदर ही मिल जाएगी।

हाइब्रिड कारों पर फेम के तहत मिल रही सब्सिडी खत्म, मारुति की कारों पर पड़ेगा असर

वहीं, पवन परियोजनाओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक आर एंड डी परियोजना की तरह है। मंत्री ने सुझाव दिया कि एनटीपीसी समेत बड़े पीएसयू ऐसे परियोजनाओं में निवेश कर सकते हैं जो आने वाले वर्षों में इस सेगमेंट के विकास को आगे बढ़ाएंगे।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि पिछले 3 वर्षों में, भारत की ऊर्जा खपत में लगभग 6.5 प्रतिशत से सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) बढ़ी है यह पिछले 10 वर्षों में सबसे ज़्यादा है।

IPL से जुड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें